सार

Sawan Somvar Upay: 24 जुलाई को सावन का तीसरा सोमवार है। ये दिन भगवान शिव की पूजा के लिए बहुत ही खास माना गया है। सावन के तीसरे सोमवार को कईं शुभ योग बन रहे हैं, जिसके चलते ये दिन उपाय, पूजा, व्रत आदि के लिए और भी खास हो गया है।

 

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, सावन सोमवार पर की गई शिव पूजा का फल कई गुना होकर मिलता है। इस बार सावन का तीसरा सोमवार 24 जुलाई को है। इस दिन शिव और सिद्धि योग बन रहे हैं। (Sawan Somvar Upay) इन योगों में यदि कोई खास उपाय किया जाए तो हर कामना पूरी हो सकती है। धर्म ग्रंथों में एक ऐसी स्तुति के बारे में बताया गया है, जिसका पाठ करने से 12 ज्योतिर्लिंगों की पूजा का फल घर बैठे ही मिल सकता है। ये स्तुति का पाठ सावन सोमवार पर करना बहुत ही शुभ फल देने वाला रहेगा। ये स्तुति और इसकी पाठ विधि इस प्रकार है…

द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति (Dwadash Jyotirling Stotram)
सौराष्ट्रे सोमनाथं च श्रीशैले मल्लिकार्जुनम्।
उज्जयिन्यां महाकालमोंकारं ममलेश्वरम् ॥1॥
परल्यां वैजनाथं च डाकियन्यां भीमशंकरम्।
सेतुबन्धे तु रामेशं नागेशं दारुकावने ॥2॥
वारणस्यां तु विश्वेशं त्र्यम्बकं गौतमी तटे।
हिमालये तु केदारं ध्रुष्णेशं च शिवालये ॥3॥
एतानि ज्योतिर्लिंगानि सायं प्रातः पठेन्नरः।
सप्तजन्मकृतं पापं स्मरेण विनश्यति ॥4॥

अर्थ- सौराष्ट्र में श्री सोमनाथ, श्रीशैल पर श्री मल्लिकार्जुन, उज्जयिनी में श्री महाकाल, ओंकारेश्वर में अमलेश्वर (अमरेश्वर), परली में वैद्यनाथ, डाकिनी नामक स्थान में श्रीभीमशंकर, सेतुबंध पर श्री रामेश्वर, दारुकावन में श्रीनागेश्वर, वाराणसी (काशी) में श्री विश्वनाथ, गौतमी (गोदावरी) के तट पर श्री त्र्यम्बकेश्वर, हिमालय पर श्रीकेदारनाथ और शिवालय में श्री घृष्णेश्वर को स्मरण करें। जो मनुष्य प्रतिदिन, प्रातःकाल और संध्या समय, इन बारह ज्योतिर्लिंगों का नाम लेता है, उसके सात जन्मों के पाप इन लिंगों के स्मरण-मात्र से मिट जाते है।

इस विधि से करें द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति का पाठ
- 24 जुलाई यानी सावन के तीसरे सोमवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद घर में किसी साफ स्थान पर शिवजी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- शिवजी की प्रतिमा के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। फूलों का हार पहनाएं। शिवजी को धतूरा, बिल्व पत्र आदि चीजें एक-एक करके चढ़ाएं।
- इसके बाद कुश के आसन पर बैठकर मन ही मन द्वादश ज्योतिर्लिंग स्तुति का पाठ करें। कम से कम 108 बार इस स्तुति का पाठ जरूर करें।
- इस स्तुति का पाठ विधि-विधान पूर्वक करने से आपकी हर परेशानियां दूर हो सकती हैं और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।