
Mata Parvati Ki Aarti Lyrics In Hindi: धर्म ग्रंथों के अनुसार, हर साल सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 जुलाई, रविवार को है। इस दिन कुंवारी लड़कियां मनचाहे जीवनसाथी के लिए देवी पार्वती की पूजा करती हैं, वहीं सुहागिन महिलाएं घर की सुख-समृद्धि और पति की लंबी उम्र के लिए। पूजा के बाद देवी पार्वती की आरती भी की जाती है। आगे जानिए कैसे करें देवी पार्वती की आरती…
- विधि-विधान से देवी पार्वती की पूजा करने के बाद आरती करें। इसके लिए सबसे पहले दीपक जलाएं और मूर्ति या चित्र के चरणों में 4 बार, नाभि से 2 बार, चेहरे से 1 बार और 7 बार पूरी मूर्ति पर आरती घुमाएं।
- इस प्रकार देवी की प्रतिमा से कुल 14 बार आरती की थाली घुमाएं। इस दौरान घंटी और ताली सुमधुर धुन में बजाते रहें। आरती गाते हुए सूर और लय का खास तौर पर ध्यान रखें।
- दीपक आरती करने के बाद कर्पूर आरती करें। आरती पूरी होने के बाद थोड़ा सा जल आरती पर छिड़कें। सबसे पहले देवी पार्वती और इसके बाद चारों दिशाओं में आरती दें। इसके बाद अन्य लोगों को आरती दें।
ऊं जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता,
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता।
ऊं जय पार्वती माता॥
अरिकुल पद्म विनाशिनि जय सेवक त्राता,
जग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता।
ऊं जय पार्वती माता॥
सिंह का वाहन साजे, कुण्डल है साथा,
देव बंधू जस गावत, नृत्य करत ताथा।
ऊं जय पार्वती माता॥
सतयुग रूपशील अतिसुन्दर, नाम सती कहलाता,
हेमांचल घर जन्मी, सखियन संग राता।
ऊं जय पार्वती माता॥
शुम्भ निशुम्भ विदारे, हेमांचल स्थाता,
सहस्त्र भुजा तनु धरि के, चक्र लियो हाथा।
ऊं जय पार्वती माता॥
सृष्टि रूप तुही जननी शिवसंग रंगराता,
नन्दी भृंगी बीन लाही है हाथन मदमाता।
ऊं जय पार्वती माता॥
देवन अरज करत हम कवचित को लाता,
गावत दे दे ताली, मन में रंगराता।
ऊं जय पार्वती माता॥
श्री प्रताप आरती मैया की, जो कोई गाता,
सदा सुखी नित रहता, सुख सम्पत्ति पाता।
ऊं जय पार्वती माता॥
ऊं जय पार्वती माता मैया जय पार्वती माता,
ब्रह्म सनातन देवी शुभ फल की दाता।
ऊं जय पार्वती माता॥
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।