Narmada Jayanti 2023: 28 जनवरी को नर्मदा जयंती पर इस विधि से करें पूजा, ये उपाय करेंगे आपकी परेशानियां दूर

Narmada Jayanti 2023: हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 28 जनवरी, शनिवार को है। मान्यता है कि इसी तिथि पर नर्मदा नदी धरती पर अवतरित हुई थीं।

 

Manish Meharele | Published : Jan 27, 2023 10:35 AM IST

उज्जैन. हमारे देश में नदियों को भी देवी-देवताओं की तरह पूजा जाता है। हर नदी का अपना महत्व और इतिहास है। मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी भी इन पवित्र नदियों में से एक है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti 2023) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 28 जनवरी, शनिवार को है। इस दिन नर्मदा नदी के घाटों पर विशेष पूजा व कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आगे जानिए नर्मदा जयंती की पूजा विधि व अन्य खास बातें…


इस विधि से करें मां नर्मदा की पूजा (Narmada Jayanti Puja Vidhi)
- वैसे तो मां नर्मदा की पूजा नर्मदा नदी के तट पर ही करनी चाहिए, लेकिन ऐसा न कर पाएं तो घर पर भी ये पूजा आसान विधि से कर सकते हैं। इस दिन सुबह जल्दी उठकर नहाने के पानी में नर्मदा का जल मिलाकर स्नान करें।
- इसके बाद एक साफ स्थान पर चौकी रखें और इसके ऊपर सफेद कपड़ा बिछाकर मां नर्मदा की तस्वीर या प्रतिमा स्थापित करें। देवी नर्मदा के चित्र के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद फूल चढ़ाएं व हार पहनाएं।
- मां नर्मदा को सफेद फूल, फल और मिठाई चढ़ाएं। साथ ही सफेद वस्त्र भी अर्पित करें। इस तरह पूजा के बाद मां नर्मदा की कथा सुनें और आरती करें। अंत में प्रसाद सभी भक्तों को बांट दें।
- संभव हो तो इस दिन उपवास रखें या एक समय भोजन करें। दिन भर शांत मन के साथ मां नर्मदा का ध्यान करते रहें। इस तरह नर्मदा जयंती पर मां नर्मदा की पूजा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है।


नर्मदा स्नान के फायदे (Narmada Jayanti 2023 Upay)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, नर्मदा नदी में स्नान करने से ही कई परेशानियों का अंत हो जाता है। कालसर्प व ग्रह दोष की शांति भी इस पवित्र नदी में स्नान करने से हो जाती है। आगे जानिए नर्मदा नदी में स्नान के लाभ…
1. किसी भी महीने के अमावस्या तिथि पर नर्मदा में स्नान करें और चांदी से निर्मित नाग नर्मदा में विसर्जन करें। इससे कालसर्प दोष की शांति होती है।
2. ग्रहों की शांति भी नर्मदा में स्नान करने से होती है। मंगल, शनि, राहु, केतु के दोष तो इस जल के स्नान मात्र से दूर हो जाते हैं।
3. वैवाहिक जीवन की खुशहाली के लिए इस नदी में स्नान कर भगवान शिव और पार्वती की पूजा करनी चाहिए।
4. इस नदी के जल से पितरों का तर्पण भी करना भी बहुत पुण्य कर्म माना गया है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।


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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

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