Navratri 2025 6th Day: नवरात्रि की षष्ठी तिथि कब? नोट करें डेट, पूजा विधि-मंत्र सहित पूरी डिटेल

Published : Sep 27, 2025, 08:58 AM ISTUpdated : Sep 27, 2025, 04:43 PM IST

Navratri 2025 6th Day: शारदीय नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाती है। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने से देवी का ये नाम पड़ा। जानें शारदीय नवरात्रि 2025 में कब करें देवी कात्यायनी की पूजा?

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जानें देवी कात्यायनी की पूजा से जुड़ी हर बात

Navratri 2025 Devi Katyayani Puja Vidhi: शारदीय नवरात्रि में रोज देवी के एक अलग स्वरूप की पूजा की जाती है। इसी क्रम में छठे दिन की देवी मां कात्यायनी है। ऋषि कात्यायन की पुत्री होने से ही इनका ये नाम हुआ। देवी कात्यायनी का स्वरूप बहुत ही सौम्य है। इनकी पूजा से हर तरह के रोग, दुख और शोक दूर हो जाते हैं। इनका वाहन शेर है। इस बार शारदीय नवरात्रि 10 दिनों की होने से लोगों के मन में षष्ठी तिथि कब है, इसे लेकर कन्फ्यूजन है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार षष्ठी तिथि 28 सितंबर, रविवार को है। इसलिए इसी दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाएगी। आगे जानिए देवी कात्यायनी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और आरती…


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28 सितंबर 2025 शुभ मुहूर्त

- सुबह 07:50 से 09:19 तक
- सुबह 09:19 से 10:48 तक
- दोपहर 11:53 से 12:41 तक (अभिजीत मुहूर्त)
- दोपहर 01:46 से 03:15 तक


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देवी कात्यायनी की पूजा विधि और मंत्र

28 सितंबर, रविवार की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और हाथ में जल, चावल व फूल लेकर व्रत-पूजा का संकल्प लें। ऊपर बताए किसी शुभ मुहूर्त में देवी कात्यायनी की तस्वीर या प्रतिमा घर में किसी साफ स्थान लकड़ी के पटिए पर स्थापित करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। कुमकुम से देवी के चित्र पर तिलक लगाएं और फूल चढ़ाएं। लाल चुनरी, अबीर, गुलाल, लाल फूल, लाल चूड़ी आदि चीजें भी अर्पित करें। शहद का भोग लगाएं और नीचे लिखे मंत्र बोलकर पूजा संपन्न करें। इसके बाद देवी की आरती करें।
चन्द्रहासोज्जवलकरा शार्दूलावरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्यादेवी दानवद्यातिनी।।

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देवी कात्यायनी की आरती (Devi Katyayani Ki Aarti)

जय जय अम्बे जय कात्यानी, जय जगमाता जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा, वहा वरदाती नाम पुकारा
कई नाम है कई धाम है, यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी, कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते, हर मंदिर में भगत है कहते
कत्यानी रक्षक काया की, ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली, अपना नाम जपाने वाली
बृह्स्पतिवार को पूजा करिए, ध्यान कात्यानी का धरिये
हर संकट को दूर करेगी, भंडारे भरपूर करेगी
जो भी माँ को 'चमन' पुकारे, कात्यायनी सब कष्ट निवारे।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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