Pradosh Vrat 2025: सावन से पहले शिव पूजा का दुर्लभ संयोग, 1 पूजा से मिलेगा 3 गुना फायदा, नोट करें डेट

Published : Jun 18, 2025, 03:17 PM IST
pradosh puja june 2025

सार

Pradosh Vrat June 2025: सावन से पहले जून 2025 में शिव पूजा का दुर्लभ संयोग बन रहा है। इस संयोग में की गई पूजा का 3 गुना ज्यादा फायदा मिलेगा। ऐसा दुर्लभ संयोग कईं सालों में एक बार बनता है। 

Masik Shivratri June 2025: भगवान शिव की पूजा के लिए सोमवार, त्रयोदशी व चतुर्दशी तिथि बहुत शुभ मानी गई है। जून 2025 में एक दुर्लभ संयोग बनने जा रहा है, जब ये वार और तिथि एक ही दिन रहेंगे। ये दुर्लभ संयोग कईं सालों में एक बार बनता है। इस संयोग में की गई शिवजी की पूजा से 1-2 नहीं बल्कि पूरे 3 गुना ज्यादा फल मिलेगा। इस दिन शिवजी को प्रसन्न करने के लिए कईं उपाय भी किए जा सकते हैं। जब जून 2025 में कब बनेगा शिव पूजा का ये दुर्लभ संयोग…

जून 2025 में कब है शिव पूजा का दुर्लभ संयोग?

पंचांग के अनुसार, 23 जून, सोमवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि रात 10 बजकर 10 मिनिट तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि रात अंत तक रहेगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, सोमवार शिव पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है, वहीं त्रयोदशी तिथि पर शिवजी को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। साथ ही कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी पर मासिक शिवरात्रि का व्रत किया जाता है। ये तीनों संयोग 23 जून को बन रहे हैं। इस दिन सोम प्रदोष के साथ-साथ मासिक शिवरात्रि का व्रत भी किया जाएगा। इस तरह सोमवार, प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन होने से इस दिन की गई पूजा का 3 गुना फल मिलेगा।

23 जून, सोमवार को शुभ मुहूर्त

जो व्यक्ति सोमवार का व्रत रखता है और पूजा करता है, उसके लिए पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा-
सुबह 09:07 से 10:48 तक
दोपहर 12:02 से 12:55 तक
दोपहर 02:09 से 03:50 तक
शाम 05:31 से 17: 11 तक

23 जून प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

प्रदोष व्रत में शिवजी की पूजा शाम को की जाती है। 23 जून को प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार रहेगा-
शाम 07:22 से रात 09:23 तक

23 जून मासिक शिवरात्रि शुभ मुहूर्त

मासिक शिवरात्रि व्रत में रात को शिवजी की पूजा करने का विधान है। इस दिन रात्रि में पूजा का मुहूर्त इस प्रकार रहेगा-
रात 12:03 से 12:44 तक


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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