
Purnima 2026 List Hindi: हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक माह की दो महत्वपूर्ण तिथियां विशेष मानी जाती हैं - पूर्णिमा और अमावस्या। पूर्णिमा प्रकाश का प्रतीक है, जबकि अमावस्या आत्मनिरीक्षण और नकारात्मकता के निवारण का दिन माना जाता है। यहां 2026 की सभी पूर्णिमा और अमावस्या तिथियों के बारे में जानें। साथ ही इसका क्या महत्व और पूर्णिमा के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए? ये भी जानें...
2 जनवरी: पौष पूर्णिमा
1 फरवरी: माघ पूर्णिमा
1 मार्च: फाल्गुन पूर्णिमा
2 अप्रैल: चैत्र पूर्णिमा
1 मई (शुक्रवार) - वैशाख पूर्णिमा
31 मई (रविवार) - ज्येष्ठ पूर्णिमा
29 जून (सोमवार) - ज्येष्ठ पूर्णिमा
29 जुलाई (बुधवार) - आषाढ़ पूर्णिमा
28 अगस्त (शुक्रवार) - श्रावण पूर्णिमा
8 अक्टूबर (गुरुवार) - शरद पूर्णिमा
18 जनवरी (रविवार)- माघ अमावस्या
17 फरवरी (मंगलवार)- फाल्गुन अमावस्या
19 मार्च (गुरुवार)- चैत्र अमावस्या
17 अप्रैल (शुक्रवार)- वैशाख अमावस्या
16 मई (शनिवार)- ज्येष्ठ अमावस्या
15 जून (सोमवार) - ज्येष्ठ अमावस्या (अधिक मास)
14 जुलाई (मंगलवार)- आषाढ़ अमावस्या
12 अगस्त (बुधवार)- श्रावण अमावस्या
11 सितंबर (शुक्रवार)- भाद्रपद अमावस्या
10 अक्टूबर (शनिवार) - आश्विन अमावस्या (श्राद्ध अमावस्या)
9 नवंबर (सोमवार)- कार्तिक अमावस्या
8 दिसंबर (मंगलवार)- मार्गशीर्ष अमावस्या
हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्ण कला में होता है, जो समृद्धि, सकारात्मकता और मानसिक शांति का प्रतीक है। पूर्णिमा के दिन व्रत, स्नान, दान और पूजा करने से पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।