Saubhagya Sundari Teej 2025: क्यों कहा जाता है सौभाग्य सुंदरी तीज को ‘अखंड सौभाग्य’ का व्रत? जानिए विधि और मुहूर्त

Published : Nov 07, 2025, 04:58 PM IST
Saubhagya Sundari Teej 2025

सार

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। यह व्रत देवी पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की दीर्घायु, सुख और सौभाग्य की कामना करती हैं। 

Saubhagya Sundari Teej 2025: हिंदू धर्म में कई व्रत और त्योहारों का विशेष महत्व है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की कामना के लिए कई व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज, कजरी तीज और हरियाली तीज के साथ सौभाग्य सुंदरी तीज भी मनाई जाती है।

तीज व्रत की सभी कथाएं देवी पार्वती और भगवान शिव से जुड़ी हैं। ऐसा माना जाता है कि देवी पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए कठोर तपस्या की थी और इससे प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें अपनी अर्धांगिनी के रूप में स्वीकार किया था। तभी से, विवाहित महिलाएं मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी तीज का व्रत रखती हैं। सौभाग्य सुंदरी व्रत वैवाहिक जीवन में प्रेम, सद्भाव और सद्भावना सुनिश्चित करता है। इस वर्ष सौभाग्य सुंदरी तीज शनिवार, 8 नवंबर 2025 को मनाई जाएगी। जानें इसकी पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व के बारे में।

सौभाग्य सुंदरी तीज 2025 तिथि और मुहूर्त

सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत हर साल मार्गशीर्ष या अगहन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया को मनाया जाता है। इस वर्ष यह तिथि 8 नवंबर, 2025 को पड़ रही है। मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की तृतीया 7 नवंबर, 2025 को सुबह 11:05 बजे शुरू होगी और 8 नवंबर, 2025 को सुबह 7:32 बजे तक रहेगी। उदय तिथि के अनुसार, सौभाग्य सुंदरी व्रत और पूजा 8 नवंबर को की जाएगी।

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सौभाग्य सुंदरी तीज 2025 पूजा विधि

  • सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत रखने वाली महिलाओं को सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और साफ कपड़े पहनने चाहिए। इस दिन केवल लाल, हरे, पीले या गुलाबी कपड़े ही पहनें। काले, सफेद या भूरे रंग के कपड़े पहनने से बचें।
  • पूजा स्थल की सफाई करें। उत्तर-पूर्व कोने में एक पाट स्थापित करें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएँ। पाट पर देवी गौरी और भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें और उनकी पूजा करें।
  • देवी पार्वती को कुमकुम लगाएँ और उन्हें पुष्प, फल और अन्य वस्तुएँ अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव की भी पूजा करें और धूप-दीप जलाएं।
  • इसके बाद महिलाओं को सौभाग्य सुंदरी तीज व्रत कथा पढ़नी या सुननी चाहिए। अंत में आरती करनी चाहिए। इस व्रत को करने से शिव और पार्वती की कृपा से वैवाहिक जीवन में प्रेम बना रहता है।

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Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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