Navratri 2025: कलश स्थापना पर क्यों बोया जाता है जौ, रंग और आकार से जानें शुभ-अशुभ संकेत

Published : Sep 18, 2025, 12:47 PM IST

Navratri 2025: इस साल 22 सितंबर से शुरू हो रही है। नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना और जौ बोने की परंपरा है। जौ को समृद्धि और उन्नति का प्रतीक माना जाता है। जौ के अंकुर शुभ-अशुभ संकेत लेकर आते हैं और परिवार में सुख-समृद्धि का संकेत देते हैं।

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कब से शुरू हो रहा शारदीय नवरात्रि

हर साल आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होता है। इस दिन से नौ दिनों तक देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि वर्ष में चार बार पौष, चैत्र, आषाढ़ और आश्विन माह में आती है। चैत्र और आश्विन की नवरात्रि मुख्य होती हैं, जबकि अन्य दो महीनों, पौष और आषाढ़ की नवरात्रि गुप्त नवरात्रि के रूप में मनाई जाती हैं। आश्विन माह से शरद ऋतु का आरंभ होता है, इसलिए आश्विन माह में पड़ने वाली इन नवरात्रियों को शारदीय नवरात्रि के रूप में जाना जाता है। शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू होकर 2 अक्टूबर तक चलेगी।

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नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना

नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना या कलश स्थापना की जाती है। इस दिन जौ भी बोया जाता है। मान्यता है कि नवरात्रि में जौ बोने से परिवार में सुख-समृद्धि आती है। इतना ही नहीं, घर का भंडार हमेशा धन-धान्य से भरा रहता है। तो आइए जानें कि नवरात्रि से पहले जौ बोने की परंपरा कैसे शुरू हुई।

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नवरात्रि में जौ बोने की क्या है कथा?

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब पृथ्वी पर राक्षसों और दैत्यों के अत्याचार बढ़ गए, तो देवी दुर्गा ने उनका नाश करके मानव जाति की रक्षा की। ऐसा कहा जाता है कि देवी दुर्गा और राक्षसों के बीच संघर्ष के दौरान, पृथ्वी पर अकाल पड़ गया और चारों ओर सूखा पड़ गया। देवी दुर्गा द्वारा राक्षसों के विनाश के बाद, जब पृथ्वी फिर से हरी-भरी हो गई, तो सबसे पहले जौ की फसल उगाई गई। इसलिए, जौ को समृद्धि और उर्वरता का प्रतीक माना जाता है।

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घटस्थापना के दौरान जौ की पूजा क्यों होती है?

एक अन्य मान्यता के अनुसार, जब भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की, तो सबसे पहले जौ उगाई गई। ऐसा कहा जाता है कि नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना के दौरान सबसे पहले जौ की पूजा की जाती है और इसे कलश में भी रखा जाता है। नवरात्रि में जौ बोने की परंपरा पृथ्वी पर समृद्धि का संदेश देती है।

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नवरात्रि में बोए गए जौ का क्या है महत्व?
  • अगर नवरात्रि में बोया गया जौ अच्छी तरह से न उगे या उसका रंग काला या पीला हो, तो यह शुभ संकेत नहीं है। जौ का टेढ़ा-मेढ़ा उगना अशुभ माना जाता है।
  • वहीं, अगर नवरात्रि में बोया गया जौ हरा या आंशिक रूप से सफेद हो, तो इसे शुभ संकेत माना जाता है। इसका मतलब है कि आपकी सभी समस्याओं का जल्द ही समाधान होने वाला है।
  • अगर नवरात्रि में बोया गया जौ अच्छी तरह से अंकुरित होकर विकसित होता है, तो इसका मतलब है कि आपके घर में समृद्धि और खुशहाली आएगी।
  • अगर जौ अच्छी तरह उगता है, तो इसका मतलब है कि आपकी आर्थिक स्थिति पहले से ज़्यादा मज़बूत होगी। साथ ही, आपके परिवार का स्वास्थ्य भी अच्छा रहेगा।
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