आर्थिक विशेषज्ञ आचार्य चाणक्य ने मनुष्य को कैसा होना चाहिए, इस विषय सहित मानवता को सीख देने वाली हर बात कही है। आचार्य चाणक्य द्वारा दी गई सलाह आज चाणक्य नीति के नाम से प्रसिद्ध है। चाणक्य नीति के अनुसार, ये पाँच तरह के लोग जीवन में हमेशा मूर्ख ही रहते हैं। इसलिए इन मूर्खों के साथ व्यवहार करते समय बहुत ही सावधानी बरतनी चाहिए।
ऐसे लोग धन तो कमा लेते हैं, लेकिन समाज इन्हें हमेशा मूर्ख ही समझता है। तो आइए जानते हैं चाणक्य द्वारा बताए गए वो पांच मूर्ख कौन हैं।
1. स्वयंघोषित बुद्धिमान: ये लोग खुद को बुद्धिमान घोषित करते हैं। लेकिन ये खुद सबसे बड़े मूर्ख होते हैं। ये किसी की बात या सलाह सुनने को तैयार नहीं होते। इसलिए इस तरह के लोगों से किसी भी कीमत पर सलाह नहीं लेनी चाहिए। सलाह या मदद मांगने पर ये आपको अपमानित कर सकते हैं।
2. दूसरों का अपमान करने वाला: छोटी-छोटी बातों पर अपने आस-पास के लोगों का बार-बार अपमान करने वाला व्यक्ति भी मूर्ख होता है। चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों के साथ रहकर अपमानित होने से बेहतर है कि उनसे दूर ही रहें। समाज ऐसे लोगों को कभी सम्मान नहीं देता।
3. खुद की तारीफ करने वाले: चाणक्य नीति के अनुसार, कुछ लोग सबके सामने अपनी ही तारीफ करते रहते हैं। ऐसे लोगों को भी चाणक्य ने मूर्ख कहा है। ये लोग अपने सामने दूसरों की तारीफ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं कर पाते और न ही किसी की सुन पाते हैं।
4. बिना सोचे-समझे काम करना: बिना कुछ सोचे-समझे काम करने वाले लोग मूर्ख होते हैं। ऐसे लोग अपने फैसलों से ही नुकसान और परेशानी में पड़ जाते हैं। काम करने से पहले ये उसके परिणामों के बारे में नहीं सोचते।
5. अनावश्यक सलाह देने वाले: कुछ लोग बिना जरूरत के ही सलाह देते रहते हैं। आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हमेशा अपनी बुद्धिमत्ता दिखाने की कोशिश करने वाले लोग भी मूर्ख होते हैं।