
उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार, आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष में गुप्त नवरात्रि (gupt navratri 2023) का पर्व मनाया जाता है। इसके अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को भड़ली नवमी कहते हैं। इस बार ये तिथि 27 जून, मंगलवार को है। भड़ली नवमी (Bhadli Navami 2023) बहुत ही खास तिथि है क्योंकि इसे अबुझ मुहूर्त कहा जाता है, यानी इस दिन कोई भी शुभ कार्य बिना मुहूर्त देखे किया जा सकता है। ये तिथि खरीदी के लिए बहुत शुभ मानी जाती है।
ये शुभ योग बनेंगे भड़ली नवमी पर
27 जून, मंगलवार को हस्त नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग बनेगा। साथ ही वरियान और परिघ नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे। बुध और सूर्य के मिथुन राशि में होने से बुधादित्य नाम का राजयोग भी इस दिन रहेगा। इस बार भड़ली नवमी पर रवियोग भी बन रहा है। इतने सारे शुभ योगों के चलते भड़ली नवमी का पर्व बहुत ही खास हो गया है।
29 जून से शुभ कार्यों पर रोक
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस बार ये एकादशी 29 जून, गुरुवार को है। मान्यता है कि इस दिन से अगले 4 महीनों के लिए भगवान विष्णु योगनिंद्रा में चले जाते हैं, जिसके चलते शुभ कार्य जैसे विवाह आदि पर रोक लग जाती है। इस बार सावन का अधिक मास होने से चातुर्मास 5 महीनों का हो गया है। इस वजह से अगले 5 महीनों तक विवाह के मुहूर्त नहीं है।
नवंबर 2023 में विवाह के मुहूर्त
विवाह, मुंडन आदि शुभ कार्यों के लिए लोगों को इस बार लंबा इंतजार करना पड़ेगा। 29 जून के बाद विवाह के शुभ मुहूर्त नवंबर में शुरू होंगे। इस साल नवंबर में 5 और दिसंबर में विवाह आदि शुभ कार्यों के लिए 7 मुहूर्त रहेंगे। इस तरह साल 2023 में शुभ कार्यों के लिए कुल 12 मुहूर्त ही शेष हैं।
ये भी पढ़ें-
Devshayani Ekadashi 2023: 29 जून को 4 शुभ योग में करें देवशयनी एकादशी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त और कथा
Sawan 2023 Festival List: 4 जुलाई से 31 अगस्त तक रहेगा सावन, जानें कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा?
Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।