
Bada Mangal Kab Hai: अंग्रेजी कैलेंडर की तरह हिंदू पंचांग में भी 12 महीने होते हैं। हिंदू पंचांग के तीसरे महीने का नाम ज्येष्ठ है। ज्येष्ठ मास के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने का नाम ज्येष्ठ है। इस महीने में हनुमानजी की पूजा का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ मास में जितने भी मंगलवार आते हैं, उन्हें बुढ़वा मंगल या बड़ा मंगल कहते हैं।
पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ मास की शुरूआत 13 मई, मंगलवार से हो रही है जो 11 जून बुधार तक रहेगा। ज्येष्ठ मास के पहले ही दिन बड़ा मंगल का शुभ योग बन रहा है। इस महीने में 5 मंगलवार आएंगे। ये चारों ही बुढ़वा मंगल यानी बड़ा मंगल कहलाएंगे। मान्यता है कि ज्येष्ठ मास के मंगलवार की हनुमानजी की पूजा करने से हर तरह की परेशानी दूर हो सकती है और हनुमानजी की कृपा भी प्राप्त होती है। आगे जानिए 2025 में बुढ़वा मंगल कब-कब है…
- ज्येष्ठ मास का पहला बुढ़वा मंगल 13 मई को रहेगा।
- दूसरा बुढ़वा मंगल 20 मई को रहेगा।
- तीसरा बुढ़वा मंगल की तारीख 27 मई है।
- 3 जून को चौथा बड़ा मंगल रहेगा।
- पांचवां और अंतिम बड़ा मंगल 10 जून को रहेगा।
ज्येष्ठ मास के मंगलवार को लेकर कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। इनमें से पहली मान्यता ये है कि ज्येष्ठ मास के मंगलवार को ही भगवान हनुमान पहली बार श्रीराम से मिले थे। दूसरी मान्यता के अनुसार, ज्येष्ठ मास के मंगलवार को ही हनुमानजी ने पांडु पुत्र भीम का अंहकार तोड़ा था। इन मान्यताओं के चलते ही ज्येष्ठ मास के मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करना विशेष शुभ माना जाता है।
1. बुढ़वा मंगल पर हनुमानजी को सिंदूर और चमेली के तेल से चोला चढ़ाएं।
2. हनुमानजी के किसी मंदिर में लाल ध्वज लगवाएं।
3. हनुमानजी के मंदि में बैठकर हनुमान चालीसा और मंत्रों का जाप करें।
4. बुढ़वा मंगल पर हनुमानजी को घर में बने देशी घी के चूरमे का भोग लगाएं।
5. बड़े मंगल पर हनुमानजी के मंदिर में 11 शुद्ध घी के दीपक जलाएं।
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