
ब्याडगी (कर्नाटका): गरद दानम्मादेवी मंदिर के मेले के मौके पर, पहली बार माँ बनने वाली 200 से ज़्यादा महिलाओं के लिए सामूहिक गोद भराई का कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें उनकी गोद भरी गई। कार्यक्रम में मौजूद हनुमनहल्ली हालुस्वामी मठ के शिवयोगीश्री ने कहा कि दुनिया भर में दस हजार से भी ज़्यादा अलग-अलग धर्म हैं। आज के समय में किसी भी धर्म को अपनी पहचान बनाए रखने के लिए धार्मिक अनुष्ठान और उपदेश लगातार करने पड़ते हैं। लेकिन यह दुख की बात है कि हाल में धार्मिक हिंसा बहुत ज़्यादा हो रही है। इतना ही नहीं, धार्मिक रीति-रिवाजों पर सवाल उठाकर लोग अदालतों का दरवाज़ा खटखटा रहे हैं। यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि ऐसी चीज़ों को बढ़ावा न मिले।
किसी खास धर्म से खुद को जोड़कर धार्मिक रीति-रिवाजों में हिस्सा लेना स्वाभाविक है। लेकिन आजकल, मूल धर्मों में ही तीन-चार पंथ बन गए हैं और लोग अपनी भावनाओं के हिसाब से धर्म को तोड़-मरोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि समाज के लोगों को एकजुट होकर ऐसी गलत धार्मिक प्रथाओं पर रोक लगानी चाहिए।
इस मौके पर मेला महोत्सव समिति के सदस्य और कार्यकर्ता मौजूद थे। गर्भवती महिलाओं के लिए यह गोद भराई कार्यक्रम एकता की मिसाल बना। महिलाओं की गोद भरना एक अनोखी परंपरा है। मंदिर परिसर में 200 से ज़्यादा गर्भवती महिलाओं के लिए गोद भराई का कार्यक्रम हुआ, जिसमें लगभग सभी धर्मों की महिलाओं ने हिस्सा लिया, जो आपसी भाईचारे का प्रतीक था।