Hanuman Ashtami 2025: कब है हनुमान अष्टमी, कहां और क्यों मनाया जाता है ये पर्व?

Published : Nov 21, 2025, 12:16 PM IST
Hanuman Ashtami 2025

सार

Hanuman Ashtami 2025: पौष मास में हर साल हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाता है लेकिन ये पर्व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भी विशेष रूप से मनाया जाता है। इसके पीछे एक खास वजह है जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।

Hanuman Ashtami 2025 Kab Hai: हिंदू धर्म में हनुमानजी को कलयुग का जीवंत देवता कहा जाता है। हनुमानजी से जुड़े अनेक व्रत-त्योहार भी समय-समय पर मनाए जाते हैं, हनुमान अष्टमी भी इनमें से एक है। हनुमान अष्टमी का पर्व हर साल पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि मनाया जाता है। लेकिन ये पर्व मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में मनाने की परंपरा ही है। देश के अन्य हिस्सों में इसकी मान्यता नहीं है। आगे जानिए इस बार कब मनाया जाएगा हनुमान अष्टमी का पर्व और इससे जुड़ी खास बातें…

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कब है हनुमान अष्टमी 2025?

पंचांग के अनुसार, पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 11 दिसंबर, गुरुवार की दोपहर 01 बजकर 57 मिनिट से शुरू होगी जो 12 दिसंबर, शुक्रवार की दोपहर 02 बजकर 57 मिनिट तक रहेगी। चूंकि अष्टमी तिथि का सूर्योदय 12 दिसंबर, शुक्रवार को होगा, इसलिए इसी दिन हनुमान अष्टमी का पर्व मनाया जाएगा।

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कहां और क्यों मनाते हैं हनुमान अष्टमी का उत्सव?

हनुमान अष्टमी मानने से जुड़ी एक रोचक कथा है जो इस प्रकार है- ‘त्रेता युग में जब भगवान श्रीराम का रावण से युद्ध चल रहा था, उस समय रावण का भाई अहिरावण छल से भगवान श्रीराम और लक्ष्मण को पाताल लोक ले गया था। जब ये बात हनुमानजी को पता चली तो भी पाताल लोक गए और वहां अहिरावण का वध कर राम-लक्ष्मण को धरती पर ले आए। इसके बाद हनुमानजी ने पृथ्वी के नाभि केंद्र माने जाने वाले उज्जैन में कुछ देर विश्राम किया। उस दिन पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि थी, इसलिए इस तिथि पर उज्जैन, इंदौर व इसके आस-पास के क्षेत्रों में ये उत्सव हनुमान अष्टमी के रूप में मनाया जाता है।

हनुमान अष्टमी पर करें ये 5 उपाय

1. हनुमान अष्टमी पर अपने आस-पास स्थित किसी हनुमान प्रतिमा पर सिंदूर और चमेली के तेल से चोला चढ़ाएं। इससे आपके जीवन में चल रही परेशानियां दूर हो सकती हैं।
2. हनुमान अष्टमी पर हनुमानजी के विशेष मंत्रों का जाप करें। इससे भी आपको शुभ फल मिल सकते हैं।
3. हनुमानजी के मंदिर में केसरिया ध्वज स्थापित करें।
4. हनुमानजी को गुड़-चने या केले का भोग लगाने से भी आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
5. हनुमान चालीसा का पाठ विधि-विधान से करें।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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