chaitra navratri 2023: चैत्र नवरात्रि में कब है अष्टमी और नवमी तिथि, क्यों इन 2 तिथियों का मानते हैं इतना खास?

chaitra navratri 2023 चैत्र नवरात्रि कुछ ही दिनों बाद आरंभ होने वाली है। नवरात्रि में वैसे तो सभी दिन खास होते हैं, लेकिन अष्टमी और नवमी तिथि को बहुत ही विशेष माना जाता है। ये दोनों नवरात्रि के अंतिम दिन होते हैं। 

 

Manish Meharele | Published : Mar 17, 2023 10:23 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में देवी से संबंधित वैसे तो कई त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन इन सभी में नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में 4 बार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इनमें सबसे पहले चैत्र नवरात्रि (chaitra navratri 2023) होती है। ये नवरात्रि चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होती है जो नवमी तिथि तक चलती है। वैसे तो नवरात्रि के सभी दिन खास होते हैं और अष्टमी और नवमी तिथि का मान्यता कहीं अधिक मानी गई है। आगे जानिए इस बार चैत्र नवरात्रि में कब है अष्टमी और नवमी तिथि और क्यों खास हैं ये दोनों तिथियां…

कब से कब तक रहेगी चैत्र नवरात्रि? (chaitra navratri 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, इस बार चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होगी जो 30 मार्च तक रहेगी। इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिनों तक रहेगी, ऐसा इसलिए होगा क्योंकि तिथियों में कोई घट-बढ़ की स्थिति नहीं बन रही है । इन 9 दिनों में रोज देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाएगी।

कब है अष्टमी तिथि? (chaitra navratri Ashtami 2023 Date)
इस बार चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि 29 मार्च, बुधवार को रहेगी। इस दिन देवी महागौरी की पूजा का विधान है। बहुत से परिवारों में इस दिन कुलदेवी की पूजा की परंपरा है। अष्टमी तिथि पर कंजक पूजा यानी कन्या पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है। अष्टमी तिथि पर की गई पूजा का फल कई गुना होकर प्राप्त होता है। इसलिए चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि का विशेष महत्व माना गया है।

कब है नवमी तिथि? (chaitra navratri Navmi 2023 Date)
इस बार चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि 30 मार्च, गुरुवार को रहेगी। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। साथ ही रामनवमी का पर्व भी इस तिथि पर मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इसी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। इस दिन की गई पूजा, उपवास से पूरी नवरात्रि की पूजा का फल प्राप्त होता है। इस दिन भी कन्या पूजा का विधान है। इसलिए इस तिथि का महत्व कहीं अधिक माना गया है।


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