
Chanakya Niti Life Management: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के जरिए लोगों के जीवन में आने वाली परेशानियों से बचने के उपाय बताए हैं। इन नीतियों को समझकर जो व्यक्ति पहले से ही सतर्क हो जाता है, वो भविष्य की अनेक समस्याओं से बच जाता है। आचार्य चाणक्य ने अपनी एक नीति में 4 ऐसी जगहों के बारे में बताया है जहां रहना मौत से भी बदतर है, इसलिए उन स्थानों को तुरंत छोड़ देना चाहिए। जानिए कौन-से हैं ये 4 स्थान…
चाणक्य नीति का श्लोक
यस्मिन् देशे न सम्मानो न वृत्तिर्न च बान्धवाः।
न च विद्यागमोऽप्यस्ति वासस्तत्र न कारयेत् ॥
अर्थ- जहां सम्मान न मिले, जहां कमाई का कोई साधन न हो, जहाँ अपना कोई भाई-बन्धु न रहता हो और जहां रहकर पढ़ाई करना संभव न हो, इन 4 स्थानों पर नहीं रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, वही व्यक्ति जीवित है जिसका मान-सम्मान है। अगर किसी जगह आपको मान-सम्मान न मिले या बार-बार अपमानित होना पड़े तो उस जगह को तुरंत छोड़ देना चाहिए क्योंकि ऐसी जगह पर रहना मृत्यु के समान है।
जिस स्थान पर इनकम यानी आय का कोई साधन न हो, उस जगह को भी तुरंत छोड़ देना चाहिए क्योंकि बिना आय के जीवन संभव नहीं है। ऐसी स्थिति में आपको अपने जीवन-यापन के लिए दूसरों पर निर्भर होना पड़ सकता है। ये स्थिति भी मृत्य के समान ही बताई गई है।
आचार्य चाणक्य के अनुसार, जिस जगह पर आपका कोई परिचित, भाई-बंधू या रिश्तेदार न हो, उस जगह को भी तुरंत छोड़ देने में भलाई है क्योंकि ऐसी जगह अगर आप किसी मुसीबत में फंस गए तो आपकी मदद करने के लिए कोई नहीं आएगा। ऐसी स्थिति भी आपके लिए मृत्यु के भी बदतर हो सकती है।
जिस स्थान पर अध्ययन की सुविधा न हो यानी पढ़ाई करने की कोई व्यवस्था जैसे स्कूल, कॉलेज न हो, वहां भी नहीं ठहरना चाहिए। ऐसे स्थान पर रहकर आप स्वयं का भविष्य खराब कर सकते हैं बिना शिक्षा के जीवन मृत्यु से भी बदतर हो सकता है। इस बात का खास ध्यान रखें।
Disclaimer
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