
Chanakya Niti For Women: भारत के महान विद्वान ने आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र नाम के एक ग्रंथ की रचना की, जिसे चाणक्य नीति भी कहा जाता है। इस ग्रंथ में लाइफ मैनेजमेंट के अनेक सूत्र बताए गए हैं। इस ग्रंथ के कुछ श्लोकों में ये भी बताया गया है कि कौन-से 6 काम महिलाओं को भूलकर भी नहीं करना चाहिए। जो महिलाएं ये 6 काम करती हैं, उनके चरित्र में दोष आने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। ये लाइफ मैनेजमेंट टिप्स आज के समय में भी हमारे बहुत काम की है। आगे जानिए कौन-से हैं ये 6 काम…
चाणक्य नीति का श्लोक
पानं दुर्जनसंसर्गः पत्या च विरहोटनम्।
स्वप्नोन्यगेहेवासश्च नारीणां दूषणानि षट्।।
अर्थ- शराब पीना, दुष्टों के साथ उठना-बैठना, पति से लंबे समय तक अलग रहना, बेकार में इधर-उधर घूमना, असमय एवं देर तक सोना और दूसरे के घर में रहना। ये 6 दोष स्त्रियों को दूषित कर देते हैं।
चाणक्य नीति के अनुसार, महिलाओं को शराब नहीं पीना चाहिए। जो महिलाएं शराब पीती हैं, वो धीरे-धीरे अपनी मान-मर्यादा भूलने लगती हैं। शराब की लत उन्हें गलत रास्ते पर ले जाती हैं। कईं बार महिलाएं शराब के लिए कुछ भी करने के तैयार हो जाती हैं। उन्हें अच्छे-बुरे का भान नहीं रहता।
जो महिला या पुरुष पहले से ही दुष्ट स्वभाव के हों, पारिवारिक महिलाओं को उनसे अधिक मेल-जोल नहीं रखना चाहिए। ऐसे लोगों के साथ रहने से वे भी किसी मुश्किल में फंस सकती हैं। दुष्टों के साथ रहते-रहते हमारा स्वभाव भी वैसा ही हो जाता है। इसलिए इस बात का भी महिलाएं विशेष ध्यान रखें।
विवाह के बाद स्त्री को पति के ही साथ रहना चाहिए। अगर किसी वजह से दोनों में विवाद हो जाए तो भी अधिक समय तक उससे दूर नहीं रहना चाहिए। ये स्थिति महिलाओं के गलत बताई गई है। पति से अलग रह रही महिला के चरित्र में दोष आने की संभावना अधिक रहती है। इसलिए महिलाएं अधिक समय तक पति से अलग न रहें।
महिलाओं को बिना काम के इधर-उधर नहीं भटकना चाहिए। ऐसा करने वाली महिलाएं घर के बंधनों से मुक्त हो जाती हैं और स्वच्छंद रूप से जीवन जीने लगती हैं जो मर्यादा के अनुकूल नहीं है। ये बात कुंवारी लड़कियों के साथ-साथ अविवाहित स्त्रियों को भी ध्यान रखनी चाहिए नहीं तो जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
जो महिलाएं असमय और देर तक सोती हैं, उनके परिवार में रोज क्लेश होता है। कईं बार इन आदतों की वजह से संबंध भी खराब हो सकते हैं क्योंकि अधिक देर तक सोने वाली महिलाएं पारिवारिक जिम्मेदारी पूरी नहीं कर पाती। अतः महिलाओं को असमय व अधिक देर तक नहीं सोना चाहिए।
पिता के घर के बाद स्त्री के लिए उसका पति का घर ही उपयुक्त होता है। अगर किसी रिश्तेदार या सगे-संबंधी के यहां जाना पड़े तो वहां अधिक समय नहीं रहना चाहिए। अपना उद्देश्य पूरा होते ही वहां से लौट जाना चाहिए। यही महिलाओं के लिए सही है। दूसरे के घर में अधिक समय तक रहना चारित्रिक दोष का कारण बन सकता है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।