चंद्र ग्रहण पूर्णिमा पर ही होता है, इसके पीछे खगोलीय कारण है। खगोलविदों के अनुसार, पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा करीब 5 डिग्री तक झुकी रहती है, इस कारण चंद्रमा कभी पृथ्वी की छाया से ऊपर तो कभी नीचे से निकलता है। जिस समय पृथ्वी की छाया पूरी तरह से चंद्रमा पर पड़ती है, उसी समय ग्रहण होता है। ऐसा संयोग पूर्णिमा पर ही बनता है।
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