सार

Vaishakh Purnima 2023: ज्योतिष शास्त्र में कुल 16 तिथियां बताई गई हैं, इनमें से पूर्णिमा भी एक है। ये तिथि बहुत ही खास है क्योंकि ये हिंदू महीने की अंतिम तिथि होती है। इस दिन विशेष पूजा आदि भी की जाती है।

 

उज्जैन. हिंदू पंचांग के अनुसार, एक महीने में दो पक्ष होते हैं, जिन्हें कृष्ण व शुक्ल पक्ष कहते हैं। इन दोनों पक्षों में प्रतिपदा से लेकर चतुर्दशी तक की तिथि समान होती है। (Vaishakh Purnima 2023) कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि अमावस्या और शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि पूर्णिमा कहलाती है। ये दोनों ही तिथियां बहुत विशेष मानी गई है। पूर्णिमा महीने के अंतिम तिथि होती है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि को पर्व कहा गया है। इस दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने की परंपरा है।

कब है वैशाख मास की पूर्णिमा? (Vaishakh Purnima 2023 Date)
इन दिनों वैशाख मास चल रहा है। इस बार वैशाख मास की अंतिम तिथि यानी पूर्णिमा 5 मई, शुक्रवार को रहेगी। इसके अगले दिन से ज्येष्ठ मास शुरू हो जाएगा। वैशाख मास की पूर्णिमा पर बुद्ध जयंती का पर्व मनाया जाता है। धर्म ग्रंथों में इस तिथि को बहुत ही शुभ माना गया है। शुभ तिथि होने से इस दिन नए कामों की शुरूआत की जाती है। इस तिथि पर स्नान-दान की भी परंपरा है।

इस बार क्यों खास है ये तिथि? (Why Special Vaishakh Purnima 2023)
वैशाख पूर्णिमा पर इस बार चंद्र ग्रहण का संयोग बन रहा है। हालांकि ये ग्रहण भारत में दिखाई न देने से यहां इसका कोई महत्व आदि नहीं माना जाएगा। वैशाख पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग पिछले 2 सालों से भी बनता रहा है। इसके पहले साल 2021 में 26 मई को और 2022 में 16 मई को भी वैशाख मास की पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण का संयोग बना था।

कौन-कौन से शुभ योग बनेंगे इस दिन? (Vaishakh Purnima 2023 Shubh Yog)
पंचांग के अनुसार, वैशाख मास की पूर्णिमा 4 मई, गुरुवार की रात 11:44 से शुरू होकर 05 मई, शुक्रवार की रात 11:03 तक रहेगी। चूंकि पूर्णिमा तिथि का सूर्योदय 5 मई को होगा, इसलिए इस तिथि से संबंधित सभी शुभ कार्य जैसे स्नान-दान आदि भी इसी दिन करना श्रेष्ठ रहेगा। इस दिन स्वाति नक्षत्र रहने से गद नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा सिद्धि नाम का एक अन्य योग भी दिन भर रहेगा।



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