
Kya Chandragrahan ke Bad Nahana Jaruri Hai: भारत में 7 सितंबर को साल 2025 का दूसरा और अंतिम चंद्र ग्रहण है। ग्रहण 07 सितंबर की रात 09 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और 08 सितंबर को 01 बजकर 26 मिनट पर समाप्त होगा। इस तरह से ग्रहण की कुल अवधि 3 घंटे 38 मिनट का होने वाला है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी की मानें तो ग्रहण के दौरान शास्त्रों में वर्णित नियमों का पालन करना बेहद जरूरी होता है। इसे अनदेखा करने से जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। इसी तरह का एक नियम ग्रहण के बाद स्नान को लेकर है। इसके धार्मिक और वैज्ञानिक कई कारण हैं।
पुरणों के अनुसार इसकी एक कथा महाभारत काल से है, उस दौरान लगने वाले ग्रहण के बाद देवी राधा, यशोदा और नंद बाबा के संग कुरुक्षेत्र में स्नान करने आते थे। अब सवाल है कि क्या ग्रहण के बाद नहाना क्यों जरूरी है? ग्रहण के बाद स्नान करने के क्या फायदे हैं? अगर कोई ग्रहण के बाद स्नान न करे तो इसका क्या परिणाम होगा? इस बारे में ज्योतिषाचार्य गणेश मित्र से जानते हैं-
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दो अशुभ ग्रह राहु और केतु के कारण चंद्र और सूर्य ग्रहण लगता है। बता दें कि, चंद्र ग्रहण के दौरान केतु चंद्र को ग्रसित करता है और इससे नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है। फिर ये आसुरी शक्तियां जल्दी से समाप्त नहीं होती हैं। शास्त्रों में ग्रहण के बाद स्नान करना बेहद जरूरी होता है और उससे कई फायदे भी होते हैं। हालांकि, पवित्र नदी, तालाब या सरोवर में स्नान करने से कोई दोष नहीं लगता है।
ज्योतिषाचार्य के मुताबिक, किसी भी ग्रहण के बाद हर किसी को स्नान जरूर करना चाहिए। इसका जिक्र पुराणों में भी किया गया है। कहा जाता है कि, संतान के जन्म पर, यज्ञ, सूर्य और चंद्र संक्रांति यदि रात में भी हो तो स्नान करके शुद्ध जरूर हो जाना चाहिए। ऐसा न होने से शरीर अशुद्ध ही रहता है। स्नान के बिना शुभ कार्य करना या उसमें शामिल होने से हमेशा बचना चाहिए।
ग्रहण में शरीर अपवित्र हो जाता है और इसे फिर से देव पितृ कार्य के लिए शुद्ध करना जरूरी होता है। बता दें कि, जब भी कोई ग्रहण पड़ता है तो उस दौरान कई प्रकार की नकारात्मक शक्तियां पास आती हैं। जो आपको नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद किसी पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना उचित माना गया है।
ये भी पढ़ें- Chandra Grahan 2026: कब लगेगा अगला चंद्र ग्रहण? जानें तारीख, जगह और सूतक टाइमिंग
अगर देखा जाए तो चंद्र ग्रहण के दौरान कई तरह के रोगाणुओं का प्रभाव अधिक बढ़ जाता है। इसके अलावा, ग्रहण के दौरान चंद्रमा से निकलने वाली रोशनी का सेहत पर गलत प्रभाव पड़ता है। इसलिए स्वास्थ्य के नजरिए से भी चंद्र ग्रहण के दौरान स्नान करना जरूरी है। ऐसा करने से कई बीमारियों से भी निजात मिलती है।
ग्रहण के बाद स्नान करने के फायदे तो आप जान ही गए होंगे, लेकिन आपको बता दें कि ग्रहण से पहले नहाने के भी लाभ हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ग्रहण में भगवान की पूजा और साधना करना फलदायी होता है। इसलिए ग्रहण से पहले स्नान करके पूरे परिवार समेत भगवान की मूर्तियों को स्पर्श किए बिना भजन-कीर्तन या फिर मंत्रों का जप करना चाहिए।
Chandra Grahan 2025: ग्रहण के दौरान क्यों बंद कर दिए जाते हैं मंदिर के कपाट?