
Chankya Thoughts: हमारे देश में अनेक विद्वान हुए, आचार्य चाणक्य भी इनमें से एक है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीतियों के बल पर एक साधारण युवक चंद्रगुप्त को अखंड भारत का सम्राट बनाया। आचार्य चाणक्य ने अपने जीवन में अनेक ग्रंथों की रचना की, नीति शास्त्र भी इनमें से एक है। इसे चाणक्य नीति भी कहते हैं। इस ग्रंथ के श्लोक में बताया गया है कि किन 4 तरह लोगों के सामने भूलकर भी अपने राज की बातें नहीं बोलनी चाहिए, नहीं तो बाद में हमें पछताना पड़ सकता है। आगे जानिए इन 4 तरह के लोगों के बारे में…
कुछ लोग अति उत्साही होते हैं यानी छोटी-छोटी बातों पर बहुत जल्दी उत्साह में आ जाते हैं। इन लोगों के सामने अपनी सीक्रेट बातें नहीं बोलनी चाहिए। ऐसे लोग भरोसे के काबिल नहीं होते। कईं बार ये बातों ही बातों में आपकी सीक्रेट बातें दूसरों के सामने बोल सकते हैं। इससे आपके मान-सम्मान में कमी आ सकती है।
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कुछ लोग जन्म से ही मूर्ख होते हैं। उन्हें अच्छे-बुरे का ज्ञान नहीं होता और न ही ये पता होता है कि कहां क्या बोलना चाहिए। ऐसे लोगों के सामने अगर आपने सीक्रेट बातें बताई तो अपनी मूर्खता के कारण आपके राज दूसरों के सामने बता सकते हैं। इसलिए इन लोगों से भी दूरी बनाकर रखने में भलाई है।
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कुछ लोग धूर्त यानी चालबाज होते हैं। ऐसे लोग दूसरों की मजबूरी का फायदा उठाने में माहिर होते हैं। ऐसे लोगों के सामने भी अपने राज नहीं खोलने चाहिए, नहीं तो ये आपको ब्लेकमेल भी कर सकते हैं। इस वजह से आपका आर्थिक नुकसान भी हो सकता है और समाज में बदनामी भी।
बच्चे मन के सच्चे होते हैं यानी उन्हें ये बता नहीं होता कि कब किसके सामने क्या नहीं बोलना है। ऐसी स्थिति में अगर आप इनके साथ अपने सीक्रेट शेयर करते हैं तो ऐसा करना बिल्कुल भी सेफ नहीं है क्योंकि बच्चे अपनी मासूमियत में आपकी गुप्त बातें दूसरों को बता सकते हैं। ये स्थिति आपके लिए ठीक नहीं है।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।