Chaturmas 2023: इस बार 4 नहीं 5 महीने का होगा चातुर्मास, जानें क्यों होगा ऐसा?

Chaturmas 2023: हिंदू धर्म में कई मान्यताएं हैं, ऐसी ही कुछ मान्यताएं चातुर्मास से जुड़ी हैं। इस बार चातुर्मास का आरंभ जून 2023 के अंतिम सप्ताह में होगा, खास बात ये है कि इस बार चातुर्मास 4 नहीं बल्कि 5 महीनों का होगा।

 

Manish Meharele | Published : Jun 2, 2023 11:21 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में चातुर्मास को भगवान की भक्ति का समय बताया गया है। चातुर्मास (Chaturmas 2023) का आरंभ आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी से होता है, जिसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। 4 महीने बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर चातुर्मास समाप्त हो जाता है। मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु विश्राम करते हैं और सृष्टि का भार भगवान शिव संभालते हैं। आगे जानिए इस बार चातुर्मास कब से कब तक रहेगा और इससे जुड़ी खास बातें…

कब से कब तक रहेगा चातुर्मास? (Chaturmas 2023 Date)
पंचांग के अनुसार, इस बार आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 29 जून, गुरुवार को है। इस एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। यानी इस दिन से अगले 4 महीनों तक भगवान विष्णु विश्राम करते हैं। इस दिन से चातुर्मास आरंभ होगा। इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी, जिसे देवप्रबोधिनी एकादशी कहते हैं, तक चातुर्मास रहेगा। देवप्रबोधिनी एकादशी 23 नवंबर, गुरुवार को है।

इस बार 5 महीनों का रहेगा चातुर्मास, जानें क्यों? (Chaturmas 2023 Kab Se Kab Tak Rahega)
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, इस बार चातुर्मास 4 नहीं बल्कि 5 महीनों का होगा, ये स्थिति सावन का अधिक मास होने के कारण बन रही है। आसान शब्दों में कहा जाए तो चातुर्मास के अंत हिंदू कैलेंडर के 4 महीने आते हैं- सावन, भादौ, आश्विन और कार्तिक। इस बार सावन का अधिक मास रहेगा, यानी 2 सावन मास रहेंगे , जिसके चलते चातुर्मास 4 नहीं 5 महीनों का रहेगा।

क्या है चातुर्मास की मान्यता? (What is the belief of Chaturmas?)
धर्म शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु ने जब वामन अवतार लेकर दैत्यराज बलि से उनका सर्वस्व दान में मांग लिया। बलि की दानवीरता देखकर भगवान ने उन्हें पाताललोक का राजा बना दिया। भगवान विष्णु ने राजा बलि से वरदान मांगने को कहा तो बलि ने वर मांगते हुए कहा कि भगवान “आप मेरे महल में निवास करें।” तब भगवान ने बलि की भक्ति को देखते हुए चार मास तक उसके महल में रहने का वरदान दिया। यही चार महीने चातुर्मास कहलाते हैं।


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