June 2023 Shubh Muhurat: जून के बाद 5 महीने तक नहीं बजेगी शहनाई, जानें इस महीने में कब-कब हैं विवाह के मुहूर्त?

June 2023 Shubh Muhurat: जून 2023 के अंतिम सप्ताह में देवशयनी एकादशी है। इसके बाद से 5 महीनों तक विवाह के लिए कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं रहेगा। जून 2023 में विवाह, गृह प्रवेश आदि के लिए शुभ मुहूर्त हैं।

 

Manish Meharele | Published : Jun 2, 2023 5:43 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में मुंडन, विवाह, गृहप्रवेश आदि सभी मांगलिक कार्य मुहूर्त देखकर ही किए जाते हैं। मुहूर्त न होने पर इन मांगलिक कार्यों को कुछ दिनों के लिए आगे बढ़ा दिया जाता है। जून 2023 में भी ऐसा ही कुछ होने वाला है। इस महीने के अंतिम सप्ताह में देवशयनी एकादशी होने से 5 महीनों के लिए विवाह आदि मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी। जून में विवाह आदि के काफी मुहूर्त हैं। उज्जैन के ज्योतिाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानें जून 2023 के शुभ मुहूर्तों की पूरी जानकारी…

जून 2023 में विवाह के शुभ मुहूर्त ( June 2023 Vivah Muhurat)
1, 3, 4, 5 6, 7, 11, 12, 13, 22, 23, 25, 26, 27, 28

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2, 22, 23, 29 और 30 जून

जून 2023 में वाहन खरीदने के मुहूर्त (June 2023 Vahan Khridi Muhurat)
1, 2, 8, 9, 12, 21, 26, 28 और 29 जून

जून 2023 के अन्य शुभ मुहूर्त
गृह प्रवेश- 12 जून
मुंडन – 8 जून
उपनयन- 5 और 8 जून
नामकरण- 1, 8 12, 14 और 21

जून 2023 में सर्वार्थसिद्धि योग (Sarvarsiddhi Yog in June 2023)
- 11 जून की शाम 06.01 से रात अंत तक
- 13 जून को दोपहर 03.50 से रात अंत तक
- 17 जून को सूर्योदय से शाम 04.12 तक
- 25 जून को सुबह 07.30 से रात अंत तक
- 30 जून को दोपहर 01.22 से रात अंत तक

जून 2023 में अमृतसिद्धि योग ( Amritsiddhi Yog in June 2023)
- 13 जून को दोपहर 03.50 से रात अंत तक
- 17 जून को सूर्योदय से 04.12 तक

जून 2023 के त्रिपुष्कर योग (Tripushakar Yog In June 2023)
- 20 जून को सूर्योदय से सुबह 11.15 तक
- 25 जून को सुबह 07.30 से रात 08.28 तक

29 जून के बाद लगेगी मांगलिक कार्यों पर रोक (Devshayni Ekadashi 2023)
29 जून, गुरुवार को आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि रहेगी, जिसे देवशयनी एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस तिथि से भगवान विष्णु 4 महीने के लिए विश्राम करने जाते हैं। इन चार महीनों में सावन, भादौ, आश्विन और कार्तिक मास आते हैं। इस बार सावन का अधिक मास होने से चातुर्मास 4 नहीं बल्कि 5 महीनों का होगा।



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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।

 

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