सार
Jyeshtha Purnima 2023 Date: इन दिनों हिंदू पंचागं का तीसरा महीना ज्येष्ठ चल रहा है। इस महीने के अंतिम दिन पूर्णिमा को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है क्योंकि ये तिथि 1 नहीं 2 दिन रहेगी। दोनों ही दिन इससे संबंधित शुभ कार्य किए जा सकेंगे।
उज्जैन. हिंदू पंचांग के अनुसार, महीने की अंतिम तिथि पूर्णिमा होती है। इस बार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है। ये तिथि 1 दिन न होकर 2 दिन रहेगी, जिसके चलते लोगों में इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत किस दिन करें और स्नान-दान कब करें। (Jyeshtha Purnima 2023 Date) उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के जानिए ज्येष्ठ पूर्णिमा कब से कब तक रहेगी और किस दिन क्या करें…
2 दिन क्यों रहेगी ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा? (Jyeshtha Purnima 2023 Kab Hai)
ज्योतिषाचार्य पं. द्विवेदी के अनुसार, पूर्णिमा तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है। इस दिन किए गए उपाय, पूजा आदि का बहुत ही शुभ फल हमें प्राप्त होता है। इस बार ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा तिथि 3 जून, शनिवार की सुबह 11:17 से शुरू होकर 04 जून, रविवार की सुबह 09:11 तक रहेगी। इस तरह ये तिथि 2 दिन रहेगी, इसी के कारण भ्रम की स्थिति बन रही है।
किस दिन करें पूर्णिमा व्रत? (kab Kare Jyeshtha Purnima 2023 Vrat)
पं. द्विवेदी के अनुसार, पूर्णिमा तिथि का व्रत उस दिन किया जाता है, जिस तिथि में चंद्रोदय होता है। चूंकि 3 जून, शनिवार की शाम को पूर्णिमा तिथि में चंद्रोदय होगा, इसलिए ये व्रत इसी दिन किया जाना शास्त्र सम्मत रहेगा। व्रत का पारणा 2 जून, रविवार को किया जाएगा।
किस दिन करें स्नान दान? (kab Kare Jyeshtha Purnima 2023 Snan-Dan)
हिंदू धर्म के अनुसार, किसी भी तिथि से संबंधित स्नान-दान उस दिन किया जाना चाहिए, जिस दिन उस तिथि का सूर्योदय होता है। 4 जून, रविवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि में सूर्योदय होगा, इसलिए स्नान-दान इसी दिन करना शास्त्र सम्मत रहेगा। इस दिन पूर्णिमा तिथि सुबह 09.11 तक रहेगी, लेकिन स्नान-दान पूरे दिन किया जा सकेगा।
ये शुभ योग बनेंगे (Jyeshtha Purnima 2023 Shubh Yog)
3 जून, शनिवार को नक्षत्रों के संयोग से शुभ और अमृत नाम के योग बनेंगे, इनके अलावा शिव और सिद्ध नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे। इन 4 शुभ योग में ज्येष्ठ पूर्णिमा का व्रत करना श्रेष्ठ फल देने वाला रहेगा। वहीं 4 जून, रविवार को सिद्ध और साध्य नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इन 2 शुभ योगों में किए गए स्नान-दान का फल भी पुण्य फल देने वाला रहेगा।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें। आर्टिकल पर भरोसा करके अगर आप कुछ उपाय या अन्य कोई कार्य करना चाहते हैं तो इसके लिए आप स्वतः जिम्मेदार होंगे। हम इसके लिए उत्तरदायी नहीं होंगे।