Chhath Puja Mantra: छठ पूजा के पहले दिन अर्घ्य देते समय इन 4 मंत्रों का जाप करें

Published : Oct 25, 2025, 10:53 PM IST
Chhath Puja Mantra

सार

छठ पूजा 2025 के दौरान सूर्य देव को अर्घ्य देते समय मंत्रों का जाप अत्यंत शुभ माना जाता है। सूर्य मंत्र, सूर्य गायत्री, सूर्य बीज मंत्र और आदित्य हृदय स्तोत्र भक्त को शारीरिक शक्ति, सकारात्मक ऊर्जा और सफलता प्रदान करते हैं। 

Chhath Puja 2025 Surya Dev Mantra: सनातन धर्म में छठ का महापर्व बहुत महत्व रखता है। छठ का महापर्व आज से शुरू हो रहा है। यह छठी मैया और सूर्य देव को समर्पित है। आज नहाय-खाय है। कल खरना होगा। इसके बाद 27 अक्टूबर की शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। फिर, छठ पूजा के अंतिम दिन, 28 अक्टूबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा।

इसके बाद महापर्व का समापन होगा। छठ महापर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस चार दिवसीय व्रत के दौरान सूर्य देव को दो बार अर्घ्य देने का विधान है। छठ पूजा के दौरान कुछ मंत्रों का जाप करने से सूर्य देव प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा प्रदान करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि छठ पूजा पर अर्घ्य देते समय किन मंत्रों का जाप करना चाहिए?

इन मंत्रों का जाप करें

सूर्य मंत्र

नमः सूर्य शान्ताय, सर्वरोगनाशक, आयुर्वै मैश्वरायम् देहि देवः जगत्पते। नमः सूर्य शांताय, सर्व रोग निवारण, आयुरोग्य मैस्वरायं देहि देवः जगत्पते।

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य देव को ऊर्जा और शक्ति का स्रोत माना जाता है। छठ के दौरान सूर्य देव के इस मंत्र का जाप करने से व्रती को स्वस्थ और सुखी जीवन मिलता है।

सूर्य गायत्री मंत्र

ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याधिकाराय धीमहि तन्मो आदित्य प्रचोदयात्। ॐ भास्कराय विद्महे महादुत्याथिकराय धीमहि तनः सूर्य प्रचोदयात्

वैदिक ज्योतिष में बताया गया है कि सूर्य गायत्री मंत्र बहुत शक्तिशाली और लाभकारी है। छठ के दौरान सूर्य गायत्री मंत्र का जाप करने से शारीरिक शक्ति मिलती है। साथ ही सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

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सूर्य बीज मंत्र

ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः। ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः

सूर्य बीज मंत्र अत्यंत प्रभावशाली और दिव्य माना जाता है। इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को सीधे सूर्य देव की ऊर्जा से जुड़ने में मदद मिलती है। साथ ही इस मंत्र का जाप करने से आंखों से जुड़ी परेशानियां भी दूर हो जाती हैं।

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आदित्य हृदय स्तोत्र

आदित्य हृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनं जयवाहं जपं नित्यमक्षयं परमं शिवम्। आदित्य हृदयाय पुण्यं सर्व शत्रु विनाशं जयवाहं जपेनित्यं अक्षयं परमं शिवम्

सूर्य देव के इस स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से आत्मविश्वास बढ़ता है। साथ ही काम में सफलता मिलती है।

Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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