Dev Diwali 2025: देव दिवाली पर कैसे करें दीपदान, कौन-सा मंत्र बोलें? जानें मुहूर्त भी

Published : Nov 03, 2025, 10:04 AM IST
Dev Diwali 2025

सार

Dev Diwali 2025: कार्तिक पूर्णिमा पर देव दिवाली उत्सव मनाया जाता है। इस दिन नदी, तालाब आदि में दीपदान करने की परंपरा है। धर्म ग्रंथों में भी इस तिथि का विशेष महत्व बताया गया है। इससे जुड़ीं कईं कथाएं और मान्यताएं भी प्रचलित है।

Dev Diwali 2025 Kab Hai: धर्म ग्रंथों में कार्तिक मास की पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहते हैं। इस तिथि पर देव दिवाली का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 5 नवंबर, बुधवार को है। इस दिन नदी, तालाब आदि स्थान पर दीपदान करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ऐसा करने से देवी-देवताओं की कृपा हम पर बनी रहती है। आगे जानिए देव दिवाली पर कैसे करें दीपदान, मंत्र और शुभ मुहूर्त…

ये भी पढ़ें-
जानिए उत्पन्ना एकादशी 2025 की सही तिथि? शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

देव दिवाली 2025 दीपदान मुहूर्त

इस बार देव दिवाली का पर्व 5 नवंबर, बुधवार को मनाया जाएगा। देव दिवाली के दिन प्रदोष काल यानी शाम के समय दीपदान का विशेष महत्व है। 5 नवंबर को प्रदोष काल शाम 05 बजकर 15 मिनिट से 7 बजकर 50 मिनिट तक रहेगा। इसके बाद भी भक्त दीपदान कर सकते हैं।

ये भी पढ़ें-
देव दिवाली 2025 पर करें ये खास 3 उपाय, देवी लक्ष्मी स्वयं होंगी विराजमान

देव दिवाली पर कैसे करें दीपदान?

- देव दिवाली पर शाम को अपने आस-पास किसी नदी और तालाब में दीपदान करना चाहिए। दीपदान का अर्थ है दीपक जलाकर नदी में प्रवाहित करना।
- दीपदान के लिए आटे से बनी दीपक का उपयोग करें और इन्हें किसी मोटे कागज पर रखकर नदी में प्रवाहित करें। इसे ही दीपदान कहते हैं।
- इसके पहले दीपक में तिल का तेल डालकर प्रज्वल्लित करें। दीपक जलाते समय ये मंत्र बोलें-
शुभं करोति कल्याणम् आरोग्यम् धनसंपदा।
शत्रुबुद्धिविनाशाय दीपकाय नमोस्तुते।।
अर्थ- शुभ और कल्याण करने वाली, आरोग्य (अच्छी सेहत) और धन-संपदा देने वाली, शत्रुओं की बुद्धि का नाश करने वाली दीपक की ज्योति को मैं नमस्कार करता हूं।
- इसके बाद दीपक की कुमकुम और चावल से पूजा करें। हाथ जोड़कर घर की सुख-शांति के लिए प्रार्थना करें और नदी में प्रवाहित कर दें।
- इस विधि से जो व्यक्ति कार्तिक पूर्णिमा पर दीपदान करता है, उसके जीवन में खुशहाली बनी रहती है और परेशानियां दूर हो जाती हैं।
- देव दिवाली पर काशी, मथुरा, उज्जैन, हरिद्वार आदि तीर्थ स्थानों पर लाखों भक्त दीपदान करते हैं। लाखों दीपक जब नदी में जलते दिखाई देते हैं तो ये एक अद्भुत नजारा होता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

PREV
Read more Articles on

Recommended Stories

Amavasya Date 2026: जनवरी से दिसंबर तक अमावस्या कब? नोट करें डेट्स
Hindu Panchang: शुरू हुआ हिंदू पंचांग का दसवां महीना, जानें क्या है नाम, कब तक रहेगा?