
Dhanteras 2025: इस साल शनिवार, 18 अक्टूबर को मनाया जाने वाला धनतेरस सिर्फ़ सोना, चांदी और नए बर्तन खरीदने का त्योहार नहीं है। यह दिन स्वास्थ्य, सुरक्षा और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। शास्त्रों और पुराणों के अनुसार, धनतेरस की सुबह देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा करना विशेष रूप से शुभ होता है। इस दिन घर की सफाई, सामान व्यवस्थित रखना और नई चीज़ें खरीदना सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है। इसके अलावा, यह दिन व्यापार और आर्थिक मामलों में सफलता और स्थिरता के लिए भी लाभकारी माना जाता है। धनतेरस का महत्व केवल भौतिक समृद्धि तक ही सीमित नहीं है; यह मानसिक शांति, सुरक्षा और शुभ अवसरों का भी प्रतीक है।
धनतेरस पर लोग घर में समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए सोना, चांदी, धातु के बर्तन और नए घरेलू सामान खरीदते हैं। हालांकि, कई लोग यह भी सोचते हैं कि लोहे की चीज़ें खरीदना शुभ है या नहीं, और क्या इससे शनिदेव नाराज़ हो सकते हैं। शास्त्रों में इस विषय पर कोई नकारात्मक निर्देश नहीं हैं।
लोहा शनिदेव से जुड़ा है और शास्त्रीय दृष्टिकोण से, सुरक्षा और स्थिरता का प्रतीक है। घर में लोहे की वस्तुएं रखने या खरीदने से न केवल सुरक्षा और मजबूती मिलती है, बल्कि शनिदेव की कृपा और सुरक्षा भी बनी रहती है। इसलिए धनतेरस पर लोहे की वस्तुएं खरीदना पूरी तरह से शुभ माना जाता है।
ध्यान रहे कि धनतेरस पर लोहे की वस्तुएं खरीदने का उद्देश्य हमेशा सकारात्मक होना चाहिए। इनका उपयोग घर, कार्यस्थल या सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए किया जाना चाहिए। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और शनिदेव की कृपा बनी रहती है।
धनतेरस के दिन सुबह और दोपहर का समय विशेष रूप से शुभ माना जाता है, जब देवी लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की पूजा के साथ लोहे की वस्तुएं खरीदी जा सकती हैं। इस दिन घर में बर्तन या लोहे की वस्तुएं रखते समय उनकी साफ-सफाई और व्यवस्था का ध्यान रखना भी शुभ फल देता है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।