
Narasimha Jayanti 2025 Upay: धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के अनेक अवतारों का वर्णन मिलता है, नृसिंह अवतार भी इनमें से एक है। भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को लिया था, इसलिए हर साल इस तिथि पर नृसिंह जयंती का पर्व मनाया जाता है, इसे नृसिंह चतुर्दशी भी कहते हैं। इस बार ये पर्व 12 मई, सोमवार को मनाया जाएगा। इस दिन कुछ खास उपाय किए जाएं तो आने वाली परेशानियों से बच सकते हैं। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
विद्वानों के अनुसार, भगवान नृसिंह का स्वभाव बहुत उग्र है, जिसके चलते इन्हें ठंडी चीजें चढ़ानी चाहिए जैसे चंदन। भगवान नृसिंह को चंदन का लेप लगाने की परंपरा काफी पुरानी है। आंध्र प्रदेश के एक प्रसिद्ध नृसिंह मंदिर में भगवान की मूर्ति को साल भर चंदन का लेप लगाकर ही रखते हैं।
12 मई, सोमवार को भगवान नृसिंह को पीले वस्त्र और पीले फूल चढ़ाएं। भगवान को भोग भी पीले फलों का जैसे आम, केले का लगाएं। भगवान नृसिंह की स्तुति भी करें और 11 दीपकों से आरती करें। इससे आपका हर कष्ट दूर हो सकता है।
नृसिंह चतुर्दशी पर मंत्र जाप का भी विशेष महत्व है। इस दिन यदि कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए तो घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और हर तरह का भय भी दूर होता है। ये हैं भगवान नृसिंह के अचूक मंत्र-
- ॐ श्री लक्ष्मी-नृसिंहाय
- ॐ क्ष्रौं महा-नृसिंहाय नम:
- ॐ क्ष्रौं नमो भगवते नरसिंहाय''
भगवान नृसिंह के साथ देवी लक्ष्मी की पूजा की भी परंपरा है। नृसिंह चतुर्दशी पर लक्ष्मी-नृसिंह की प्रतिमा स्थापित कर गाय के दूध से इनका अभिषेक करें। दूध में थोड़ा का केसर भी मिला लें, इससे और भी अधिक शुभ फल मिलेंगे। अभिषेक करते समय लक्ष्मी-नृसिंह मंत्रों का जाप भी करते रहें। इस उपाय से धन लाभ के योग बनते हैं। ये है लक्ष्मी नृसिंह मंत्र- ऊं श्री लक्ष्मी नृसिंहाय।
नृसिंह चतुर्दशी पर कालसर्प दोष के उपाय भी किए जा सकते हैं। इसके लिए भगवान नृसिंह को एक मोरपंख चढ़ाएं और अपनी परेशानियां कम करने के लिए प्रार्थना करें। इस आसान उपाय से कालसर्प दोष के प्रभाव में कमी आ सकती है और आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है।
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