Eid-ul-adha 2023: इस बार कब मनाया जाएगा बकरीद का त्योहार? जानें सही डेट और इससे जुड़ी खास बातें

Eid-ul-adha 2023: मुस्लिमों द्वारा एक साल में दो बार ईद मनाई जाती है। एक होती है मीठी ईद और दूसरी होती है बकरीद। इसे ईद-उल-अजहा, ईदुलजुहा आदि नामों से जाना जाता है। इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने धुल हिज्ज की दसवीं तारीख को मनाया जाता है।

 

Manish Meharele | Published : Jun 11, 2023 9:56 AM IST

उज्जैन. इस्लाम के अंतर्गत भी मुस्लिम भाईं कई त्योहार मनाए जाते हैं। इन सभी का अपना-अपना खास महत्व होता है। इस्लामी कैलेंडर के अंतिम महीने धुल हिज्ज की दसवीं तारीख को ईद-उल-उजहा का पर्व मनाया जाता है, जिसे बकरीद (Eid-ul-adha 2023) भी कहते हैं। इस दिन बकरों की कुर्बानी देने की परंपरा है। आगे जानिए इस बार ये त्योहार कब मनाया जाएगा व अन्य खास बातें…

इस दिन मनाई जाएगी बकरीद? (Eid-ul-adha 2023 Date)
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, इस बार धुल हिज्ज महीने की दसवीं तारीख 29 जून, गुरुवार को है। इसलिए बकरीद यानी ईद-उल-अजहा का पर्व इसी दिन मनाया जाएगा। इस दिन बकरे की कुर्बानी देने की परंपरा है, इसलिए इसे कर्बानी का त्योहार भी कहा जाता है। ईद उल अजहा का अर्थ है त्याग वाली ईद है। जानवर की कुर्बानी देना एक प्रकार की प्रतीकात्मक कुर्बानी है। इसकी शुरूआत सबसे पहले पैगंबर हजरत इब्राहिम ने की थी।

क्यों मनाया जाता है ये पर्व? (Why is Eid ul adha)
इस्लाम की मान्यताओं के अनुसार, हजरत इब्राहिम अल्लाह के पैगंबरों में से एक थे। एक दिन अल्लाह ने हजरत इब्राहिम को अपनी सबसे प्यारी चीज कुर्बान करने के लिए कहा। पैगंबर साहब को अपना बेटा इस्माइल सबसे ज्यादा प्यारा था। पैंगबर साहब ने उसी की कुर्बानी देने का मन बना लिया। जैसे ही हजरत इब्राहिम अपने बेटे इस्माइल कुर्बानी देने लगे तो उसकी जगह एक दुंबा वहां आ गया। इस तरह अल्लाह ने अपने पैगंबर की परीक्षा ली। तभी से हर साल परंपरा अनुसार ईद उल अजहा पर बकरीद मनाई जाती है।

क्या है इस्लाम का अर्थ, जानते हैं आप? (what is the meaning of islam)
दुनिया में सबसे ज्यादा माने जाने वाले धर्म में इस्लाम दूसरे नंबर है। यानी इसके मानने वालों की संख्या पूरी दुनिया में दूसरे स्थान पर है। इस्लाम एक अरबी शब्द है, इस शब्द में बहुत ही गूढ़ रहस्य छिपे हैं। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार, इस्लाम का अर्थ है शांति को अपनाना या उसमें प्रवेश करना। इस्लाम को मानने वाले लोग नमाज, जकात, आदि नियमों का पालन पूरी शिद्दत से करते हैं।



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