Adipurush Movie: भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित मूवी आदिपुरुष 16 जून को बड़े परदे पर रिलीज होने वाली है। इसके पहले फिल्म मेकर्स ने एक बड़ी घोषणा की है। उन्होंने आदिपुरुष के हर शो में एक सीट भगवान हनुमानजी के नाम पर रिजर्व रहेगी।
उज्जैन. साउथ के सुपर स्टार प्रभास (South Supar Star Prabhas) की अवेटेड मूवी आदिपुरुष (Adipurush) 16 जून को 5 भाषाओं में पूरे देश में रिलीज होगी। भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित ये मूवी शुरू से ही चर्चाओं में बनी हुई है। मूवी रिलीज के पहले फिल्म निर्माताओं ने एक बड़ी घोषणा करते हुए बताया है कि मूवी के हर शो में एक सीट हमेशा खाली रहेगी। आगे जानिए ये सीट किसके लिए और क्यों खाली रहेगी?
इसलिए थियेटर्स में खाली रहेगी 1 सीट
फिल्म आदिपुरुष भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र पर आधारित है और हनुमानजी श्रीराम के सबसे बड़े भक्त हैं। मान्यता है कि जहां कहीं भी भगवान श्रीराम की कथा सुनाई जाती है, वहां हनुमानजी जरूर आते हैं। फिल्म निर्माताओं ने ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी कर कहा- "जहां भी रामायण का पाठ किया जाता है, वहां हनुमान जरूर आते हैं। यह हमारा विश्वास है। इसीलिए फिल्म आदिपुरुष के हर शो में हनुमानजी के लिए एक सीट रिजर्व रहेगी।”
क्या है इस मान्यता का कारण? (Adipurush Movie Interesting Fact)
जहां भी भगवान श्रीराम की कथ होती है, वहां हनुमानजी जरूर आते हैं, ये मान्यता हिंदू धर्म में सैकड़ों सालों से चली आ रही है। हालांकि किसी भी ग्रंथ में इसके बारे में कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलते। वाल्मीकि रामायण के अनुसार, जब भगवान श्रीराम सरयू नदी में लेने जा रहे थे, तब उन्होंने हनुमानजी से कहा था कि “संसार में जब तक मेरा नाम रहेगा, तुम भी यहीं रहकर मेरी कथाओं का प्रचार-प्रसार करना।” इसलिए ये मान्यता चली आ रही है कि जहां भी भक्ति पूर्वक राम नाम लिया जाता है, हनुमान गुप्त रूप से वहां जरूर आते हैं।
एक कारण ये भी है
एक अन्य मान्यता के अनुसार, तुलसीदासजी जब चित्रकूट घाट पर रोज रामकथा सुनाते थे तो हनुमानजी स्वयं वहां आते थे। एक दिन तुलसीदासजी ने उन्हें पहचान लिया और श्रीराम के दर्शन करने की इच्छा प्रकट की। तब हनुमानजी की कृपा से ही तुलसीदासजी को भगवान श्रीराम के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। तभी से इस मान्यता को और बल मिल गया कि राम कथा के दौरान हनुमानजी उस स्थान पर बैठकर राम नाम की महिमा सुनते हैं।
क्या सचमुच अमर हैं हनुमानजी?
धर्म ग्रंथों में अष्ट चिरंजीवियों का वर्णन मिलता है, यानी वे 8 पौराणिक पात्र, को अमर हैं। इनमें से एक नाम हनुमानजी का भी है। रामचरित मानस के अनुसार, हनुमानजी को अमरता का वरदान देवी सीता ने दिया था। ये वरदान देवी सीता ने हनुमानजी को तब दिया था वे उनकी खोज करते-करते लंका पहुंच गए थे। इसलिए हनुमानजी को अमर माना जाता है।
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