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Shani Vakri 2023: 18 जून से शुरू हो जाएंगे इन 4 राशि वालों के बुरे दिन, ये 5 उपाय बचा सकते हैं शनि के क्रोध से
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शनि के क्रोध से बचना है तो करें ये उपाय...
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 18 जून से शनि ग्रह कुंभ राशि में वक्री (Shani Vakri 2023) हो जाएगा यानी टेढ़ी चाल से चलने लगेगा। 4 नवंबर तक शनि की यही स्थिति रहेगी। यानी 4 महीने से अधिक समय तक शनि टेढ़ी चाल से ही चलेंगे। शनि के वक्री होने का असर सभी राशियों पर होगा। इसका सबसे बुरा असर कर्क, वृश्चिक, कुंभ और मीन राशि पर होगा। (Shani Ke Upay) इन 4 राशि वालों पर अचानक से मुसीबतों का पहाड़ टूट सकता है। कुछ आसान उपाय कर शनि के अशुभ प्रभाव से बचा जा सकता है। आगे जानिए इन उपायों के बारे में…
हर शनिवार करें पूजा-व्रत
ये 4 राशि वाले शनि के वक्रत्व काल के दौरान प्रति शनिवार को शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करें। सरसों के तेल से शनिदेव की प्रतिमा का अभिषेक करें। नीले फूल चढ़ाएं। काले तिल और उड़द चढ़ाएं। संभव हो तो प्रति शनिवार व्रत भी करें। इस तरह प्रत्येक शनिवार को व्रत-पूजा करने से शनिदेव के क्रोध से बचा जा सकता है।
शनि की चीजों का दान करें
कुछ विशेष चीजों का दान करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। धर्म ग्रंथों के अनुसार, ये दान प्रत्येक शनिवार को अपनी शक्ति के अनुसार करना चाहिए। प्रत्येक शनिवार को एक बर्तन में तेल लेकर उसमें अपना चेहरा देखकर दान कर दें। इसके अलावा जूते-चप्पल, कंबल, भोजन, काले तिल, काली उड़द आदि चीजें दान करने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
कुष्ठ रोगियों की सेवा करें
शनिदेव की कृपा पाने के लिए कुष्ठ रोगियों की सेवा करना सबसे उत्तम उपाय बताया गया है। प्रत्येक शनिवार को कुष्ठ रोगियों को तेल से बना भोजन खिलाएं जैसे-भजिए, पूरी आदि। कुष्ठ रोगियों का उपचार करवाएं। उन्हें वस्त्र, जूते-चप्पल, बर्तन आदि चीजें भी दें। इस तरह कुष्ठ रोगियों की सेवा से आप शनिदेव के क्रोध से बचे रहेंगे।
शनि के मंत्रों का जाप करें
मंत्र जाप से भी शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। इसके लिए किसी योग्य विद्वान ज्योतिषी से सलाह जरूर लें। शनिदेव को कौन-से मंत्र का जाप करना आपके लिए उपयोगी रहेगा, इसकी जानकारी ज्योतिषी ही आपको दे सकते हैं। ये मंत्र जाप आप अपनी सुविधा अनुसार रोज ये प्रत्येक शनिवार को कर सकते हैं।
शनि का रत्न धारण करें
ज्योतिष शास्त्र में नीलम को शनि का रत्न माना गया है। शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए ये रत्न विशेष उपाय के साथ अंगूठी, ब्रेसलेट या लॉकेट के रूप में पहना जाता है। इसे धारण करने से पहले भी ज्योतिषी की सलाह लेना बहुत जरूरी है। बिना ज्योतिष सलाह के यदि ये रत्न पहना जाए तो अशुभ परिणाम भी भुगतने पड़ सकते हैं।
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Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।