Ujjain Kumbh: 2028 में कब से कब तक रहेगा उज्जैन कुंभ मेला, कितने स्नान होंगे?

Published : Apr 16, 2025, 05:06 PM IST
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सार

Ujjain Kumbh: मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधनी में 2028 में कुंभ मेला लगेगा। राज्य सरकार द्वारा इसकी तारीख का ऐलान कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन अभी से कुंभ मेले को लेकर लगातार समीक्षाएं कर रहा है। कुंभ मेले में 14 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। 

Ujjain Kumbh: देश के 4 स्थानों पर कुंभ मेला लगता है। ये 4 स्थान हैं- प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन। हाल ही में प्रयागराज में महाकुंभ संपन्न हुआ है। इसके बाद 2027 में नासिक और 2028 में उज्जैन में कुंभ मेला लगेगा। मध्य प्रदेश सरकार ने 2028 में होने वाले कुंभ मेले की तारीख की घोषणा कर दी है, साथ ही इस कुंभ मेले में कितने अमृत और कितने पर्व स्नान होंगे, इसके बारे में भी बताया है। शासन-प्रशासन अभी से कुंभ मेले की तैयारियों में जुट गया है। जानें उज्जैन में कब से शुरू होगा कुंभ मेला और इसमें कितने अमृत और कितने पर्व स्नान किए जाएंगे?

कब से शुरू होगा उज्जैन कुंभ 2028?

मध्य प्रदेश सरकार के अनुसार, साल 2028 में उज्जैन कुंभ की शुरूआत 27 मार्च से होगी जो 27 मई तक रहेगा यानी पूरे 2 महीने। इस दौरान 3 अमृत और 7 पर्व स्नान किए जाएंगे। उज्जैन महाकुंभ में लगभग 14 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है, इसी जनसंख्या को देखते हुए यहां तैयारियां की जा रही हैं। कुंभ मेले के दौरान यहां आने वाले लोग क्षिप्रा नदी में डुबकी लगाएंगे।

उज्जैन में क्यों लगता है कुंभ?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, समुद्र मंथन के बाद जब भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर निकले तो उसे पाने के लिए देवताओं और असुरों में भयानक संघर्ष हुआ। इस दौरान 12 दिनों तक भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर इधर-उधर भागते रहे। इस दौड़ भाग में पृथ्वी पर 4 स्थानों पर अमृत की बूंदे गिरीं। ये स्थान थे प्रयागराज, हरिद्वार, नासिक और उज्जैन। इसलिए इन 4 स्थानों पर ग्रहों की विशेष स्थिति बनने पर कुंभ मेले का आयोजन होता है।

उज्जैन के कुंभ को क्यों कहते हैं सिंहस्थ?

प्रयागराज और हरिद्वार में लगने वाले मेले को कुंभ कहा जाता है जबकि नासिक और उज्जैन में लगने वाले मेले को सिंहस्थ भी कहा जाता है। इसके पीछे कारण है कि इन दोनों स्थानों पर कुंभ मेला तब लगता है जब गुरु ग्रह सिंह राशि में होते हैं। गुरु के सिंह राशि में होने के कारण ही यहां लगने वाले कुंभ मेले को सिंहस्थ के नाम से भी जाना जाता है।


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