
Lal Kitab Ke Upay: हर व्यक्ति की जन्म कुंडली में कईं ग्रह अशुभ स्थिति में होते हैं। इनके अशुभ फल से बचने के लिए ज्योतिष शास्त्र में अनेक उपाय बताए गए हैं। धातुओं की रिंग यानी छल्ला पहनना भी इन उपायों में से एक है। लाल किताब में भी धातुओं के छल्ले से जुड़े उपायों की जानकारी है। इसके अनुसार अलग-अलग ग्रहों की शांति के लिए अलग मेटल की रिंग पहनना चाहिए। लेकिन इसके पहले किसी योग्य ज्योतिषी से सलाह जरूर लेनी चाहिए। ज्योतिषी की सलाह के बाद ही लोहे, चांदी, तांबे या सोने का छल्ला पहनना चाहिए। आगे जानिए किस धातु का छल्ला किस ग्रह की शांति के लिए पहनना चाहिए…
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस व्यक्ति की कुंडली में चंद्रमा अशुभ स्थिति में हो, उसे चांदी का छल्ला पहनना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक स्थिति में सुधार आता है तो क्रोध में शांति मिलती है। चांदी का ये छल्ला सोमवार को सबसे छोटी अंगुली कनिष्ठिका में पहनना बहुत शुभ होता है।
जन्म कुंडली में यदि शनि ग्रह अशुभ हो तो लोहे का छल्ला यानी रिंग पहननी चाहिए। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव अथवा शनि की महादशा हो तो लोहे का छल्ला पहनने से उनकी परेशानियां कुछ कम हो सकती हैं। लोहे का छल्ला शनिवार को मध्यमा यानी सबसे बड़ी अंगुली में पहनना चाहिए।
यदि कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर है तो तांबे का छल्ला पहनना चाहिए। ऐसा करने से सूर्य से संबंधित परेशानियों से काफी हद तक बचा जा सकता है। तांबे का ये छल्ला सोमवार को अनामिका (सबसे छोटी अंगुली के पास वाली) अंगुली में पहनना चाहिए।
जिन लोगों की जन्म कुंडली में गुरु ग्रह से संबंधित दोष है तो उसे सोने की रिंग पहननी चाहिए। ऐसा करने से उनके विवाह में आ रही बाधा भी दूर होगी और उनका मन धर्म-कर्म के कामों में लगा रहेगा। सोने की रिंग गुरुवार को तर्जनी यानी अंगूठे के पास वाली अंगुली में पहननी चाहिए।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।