
Vishnu Puran Life Management: विष्णु पुराण हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है। इसमें लाइफ मैनेजमेंट से जुड़े अनेक टिप्स बताए गए हैं। विष्णु पुराण में भोजन से जुड़ी अनेक बातें बताई गई हैं। उसके अनुसार स्वयं भोजन करने से पहले हमें नीचे बताए गए 5 लोगों को पहले भोजन करवाना चाहिए। जो व्यक्ति ऐसा न करते हुए स्वयं पहले भोजन कर लेता है वह पाप करता है। जानें कौन हैं वो 5 लोग…
श्लोक
ततः स्ववासिनीदुः खिगर्भिणीवृद्धबालकान्।
भोजयेत्संस्कृतान्नेन प्रथमं चरमं गृही।।
अर्थ- गृहस्थ पुरुष को अपने 1. घर में रहने वाली विवाहिता कन्या, 2. घर आए दुखी मनुष्य, 3. गर्भवती स्त्री, 4. बालक व 5. वृद्ध को भोजन करवाने के बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए।
विवाह के बाद लड़की अपने पिता के घर आए तो अतिथि समझ कर उसका सम्मान करना चाहिए। स्वयं खाने से पहले उसे भोजन करवाना चाहिए। उसे हर तरह से खुश करने का प्रयास करना चाहिए। इसके बाद ही स्वयं भोजन करना चाहिए। यही शिष्टाचार है।
विष्णु पुराण के अनुसार, यदि घर में कोई दुखी मनुष्य हो या कोई भिखारी अचानक घर के दरवाजे पर भोजन की इच्छा से आ जाए तो उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए। सबसे पहले उसे भोजन करवाना चाहिए, इसके बाद स्वयं भोजन करवाना चाहिए। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं।
अगर घर में कोई गर्भवती स्त्री जैसे पत्नी, बहन या पुत्री हो तो स्वयं भोजन करने से पहले उसे भोजन करवाएं क्योंकि गर्भ में पल रहे शिशु के लिए उसे अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। इसलिए धर्म शास्त्रों में ये नियम बनाया गया है।
बड़े लोग तो भूख पर नियंत्रण कर लेते हैं, लेकिन छोटे बच्चे ऐसा नहीं कर पाते। इसलिए घर में यदि छोटे बच्चे हों तो पहले उन्हें ही भोजन करवाना चाहिए। बच्चों को भगवान का रूप भी माना जाता है। इसलिए छोटे बच्चों को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करें।
घर में यदि कोई वृद्ध व्यक्ति जैसे माता-पिता या अन्य कोई है तो स्वयं खाने से पहले उन्हें भोजन जरूर करवाएं। वृद्ध लोग सम्मानीय होते हैं। इन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो इस बात का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।