Ganeshji Ke Bhajan: भाद्रपद मास में 10 दिवसीय गणेश उत्सव मनाने की परंपरा है। इस बार ये उत्सव 19 से 28 सितंबर तक मनाया जाएगा। इन 10 दिनों में रोज भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाएगी और अलग-अलग चीजों का भोग लगाकर बाप्पा को प्रसन्न किया जाएगा।
उज्जैन. इस बार गणेश चतुर्थी पर्व 19 सितंबर, मंगलवार को है। अगले 10 दिनों तक ये पर्व मनाया जाएगा यानी 28 सितंबर तक। इन 10 दिनों में लोग रोज भगवान श्रीगणेश की पूजा करेंगे और अलग-अलग चीजों का भोग लगाकर उनकी कृपा पाने का प्रयास करेंगे। इस दौरान भजन (Latest Hindi Devotional Song Teri Jai Ho Gauri Lal) गाकर भी श्रीगणेश को प्रसन्न किया जाएगा। वैसे तो गणेश के ऊपर अब तक हजारों भजन बन चुके हैं, लेकिन उनमें से कुछ बहुत ज्यादा लोकप्रिय हैं। (Ganeshji Ke Bhajan) आगे जानिए कुछ ऐसे ही लोकप्रिय भजनों के बारे में…
भजन 1
घर में पधारो गजाननजी, मेरे घर में पधारो
रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा, मेरे घर में पधारो ।
राम जी आना, लक्ष्मण जी आना
संग में लाना सीता मैया, मेरे घर में पधारो ॥
ब्रम्हा जी आना, विष्णु जी आना
भोले शशंकर जी को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥
लक्ष्मी जी आना, गौरी जी आना
सरस्वती मैया को ले आना, मेरे घर में पधारो ॥
विघन को हारना, मंगल करना,
कारज शुभ कर जाना, मेरे घर में पधारो ॥
भजन 2
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
प्रथमे गौरा जी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,
त्रितिये सुमीरु शारदा,
मेरे कारज करो हमेश ।
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
किस जननी ने तुझे जनम दियो है,
किस जननी ने तुझे जनम दियो है,
किसने दियो उपदेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
माता गौरा ने तेनू जनम दियो है,
माता गौरा ने तेनू जनम दियो है,
शिव ने दियो उपदेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
कारज पूरण कदहि होवे,
कारज पूरण कदहि होवे,
गणपति पूजो जी हमेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश,
तेरी जय हो गणेश तेरी जय हो गणेश ।
भजन 3
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।।
सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये,
आज बिगड़ी हमारी बना लीजिये,
ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की,
तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गणपति।।
तेरी भक्ति का दील मे नशा चूर हो,
बस आँखो मे बाबा तेरा नूर हो,
कण्ठ पे शारदा माँ हमेशा रहे,
रिध्धि सिद्धि का वर ही हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति।।
सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम,
सारे वेदों मे ज्ञानो के ज्ञाता हो तुम,
ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहे,
बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति।।
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गणपति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गणपति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो
भजन 4
गणपति बाप्पा मोरया ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
मोरया रे बाप्पा मोरया रे
गणपति बाप्पा मोरया ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
बाप्पा बाप्पा मोरया ,
मोरया रे बाप्पा मोरया रे
स्वामी त्रिकाल का करता,
तू सुखदाता दुखहरता,
मंगल मूर्ति मोरया ,
सब में तेरा मन रमता,
जग में जहा जहा जाऊ,
तेरा रूप वहा पाऊ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
तेरा नाम सदा गाऊ
मोरया रे बाप्पा मोरया रे,
मोरया मोरया ,गणपति बाप्पा मोरया ,
गणपति बाप्पा मोरया,
मंगल मूर्ति मोरया
गणपति बाप्पा मोरया ,
मंगल मूर्ति मोरया ,
मोरया रे बाप्पा मोरया रे
भजन 5
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
गौरी पुत्र को सुमिरन करके,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
गौरी पुत्र को सुमिरन करके,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
आकाश और पाताल बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
वन वन की हरियाली बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री एकदन्त शरणम ममः,
सूर्य चंद्र ब्रह्माण्ड बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
सर्व जगत व्यापक बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री वक्रतुण्ड शरणम ममः,
दूर्वा और कुमकुम अक्षत बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
मोदक और मूषक बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री शिवनंदन शरणम ममः,
शुक्ल पक्ष की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
विनायक की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री शूर्पकर्प शरणम ममः,
कृष्ण पक्ष की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
संकष्टी की चौथ बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री भालचंद्र शरणम ममः,
मंगलवारी चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
अंगारिका चौथ बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री चतुर्भुज शरणम ममः,
माघसुद की चतुर्थी बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
तिल चतुर्थी हर पल बोले,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री सिद्धिदायक शरणम ममः,
श्री गणेश गणेश शरणम ममः,
श्री लम्बोदर शरणम ममः,
श्री गजानन शरणम् ममः,
श्री विघ्नराज शरणम् ममः,
भजन 6
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
है सबसे जुदा और सबसे ही न्यारी,
है शंकर के सूत तेरी मूषक सवारी ||
होती देवों में प्रथम तेरी पूजा,
नहीं देव कोई है तुमसे निराला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
जो है बाँझ संतान उनको मिली है,
जो है सुने आँगन वहां कलियाँ खिली है ||
कोढ़ी तुम देते कंचन सी काया,
भूखे को देते हो तुम ही निवाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
रिद्धि और सिद्धि हो तुम देने वाले,
ये तन मन ये जीवन है तेरे हवाले ||
अविनाश गाए और छूटे ना सरगम,
बना दे ‘बिसरया’ तू गीतों की माला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,
दयावन्त इकदन्त स्वामी कृपाला ||
भजन 7
पहले ध्यान श्री गणेश का,
मोदक भोग लगाओ |
भक्ति मन से करलो भगतो,
गणपति के गुण गाओ ||
पहले ध्यान श्री गणेश का…
द्वार द्वार घर आसान सब पर,
शुभ प्रभु की है प्रतिमा |
देवो में जो देव पूज्ये है,
गणपति की है गरिमा ||
मंगल अति सुमंगल है जो,
मंगल अति सुमंगल है जो |
उनको नयन बसाओ,
पहले ध्यान श्री गणेश का ||
आरती स्तुति भजन प्राथना,
शंख नाथ भी गूंजे |
मंगल जल दर्शन से गणपति,
तन मन सबका भीजे ||
सब भक्तो का मंगल करदो,
सब भक्तो का मंगल करदो |
मन सबका हरषाओ,
पहले ध्यान श्री गणेश का ||
सब त्यौहार उन्ही से शुभ है,
गणपति का त्योहारा |
मूषक वाहन श्री गणेश का,
ऐसा देव हमारा ||
कीर्तन भजन नारायण करते,
कीर्तन भजन नारायण करते |
उत्सव आज मनाओ,
पहले ध्यान श्री गणेश का ||
पहले ध्यान श्री गणेश का
मोदक भोग लगाओ |
भक्ति मन से करलो भगतो,
गणपति के गुण गाओ ||
भजन 8
गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तयारी है
आओ आओ बेगा आओ चाव दर्श को भारी है
गजानंद महाराज पधारो
थे आवो जद काम बनेला था पर थारी बाजी है
रनक भवर गड्वाला सुन लो चिंता माहने लागी है
देर करो न तरसाओ चरना अर्ज हमारी है
गजानंद महाराज पधारो
रिधि सीधी संग ले आवो विनायक दो दर्शन थारा भगता ने
भोग लगावा भोग लगावा पुष्प चडावा थारे चरना में
घ्जानंद थारे हाथा में अब तो लाज हमारी हिया
गजानंद महाराज पधारो
भगता की तो विनती सुन कर शिव सूत प्यारो आयो है
जय जय कार करो गणपति की
आकर मन हरश्याओ है
बरसे लो अमृत भजना में आणि महिमा भारी है
गजानंद महाराज पधारो
भजन 9
रिध्दि सि-द्धि के दाता सुनो गण पति,
आपकी मेहर बानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गण पति आपका,
लब पर मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गण पति।
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति
आपकी मेहर बानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गण पति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गण पति।।
सर झुकाता हूँ चरणों मे सुन लीजिये,
आज बिगड़ी हमारी बना लीजिये,
ना तमन्ना है धन की ना सर ताज की,
तेरे चरणों की सेवा हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुणो गण पति।।
तेरी भक्ति का दिल मे नशा चूर हो,
बस आँखो मे बाबा तेरा नूर हो,
कण्ठ पर शारदा माँ हमेशा रहे,
रिद्धि सिद्धि का वर ही हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति।।
सारे देवों मे गुणवान दाता हो तुम,
सारे वेदों मे ज्ञानो के ज्ञाता हो तुम,
ज्ञान देदो भजन गीत गाते रहे,
बस यही ज़िन्दगानी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति।।
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति,
आपकी मेहरबानी हमें चाहिये,
पहले सुमिरन करूँ गण पति आपका,
लब पे मीठी सी वाणी हमें चाहिये,
रिध्दि सिद्धि के दाता सुनो गण पति।।
भजन 10
नमस्कार करते है चरणों में हम,
गजानन स्वामी कर दो करम,
गजानन स्वामी कर दो करम।।
तीनो लोको की किन्ही परिक्रमा,
तीनो लोको की किन्ही परिक्रमा,
पार ना पाए तुमसे विष्णु औ ब्रम्हा,
पार ना पाए तुमसे विष्णु औ ब्रम्हा,
रिद्धि और सिद्धि के तुम हो परम,
गजानन स्वामी कर दो करम,
गजानन स्वामी कर दो करम।।
माता गौरा की आँख के तारे,
मैय्या गौरा की आँख के तारे,
दरशन करके प्राणन प्यारे,
दरशन करके प्राणन प्यारे,
तुम्हारे चरणों में सदा रहे हम,
गजानन स्वामी कर दो करम,
गजानन स्वामी कर दो करम।।
नमस्कार करते है चरणों में हम,
गजानन स्वामी कर दो करम,
गजानन स्वामी कर दो करम।।
गणेश चतुर्थी पर इन 4 राशि वालों पर रहेगी बाप्पा की कृपा, बढ़ेगा बैंक बैलेंस-मिलेगा प्रमोशन
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