Ganesh Chaturthi 2025: हर साल भाद्रपद मास में गणेश उत्सव मनाया जाता है। ये उत्सव 10 दिनों का होता है, जिसमें रोज भगवान श्रीगणेश की पूजा की जाती है। बहुत कम लोग जानते हैं कि ये उत्सव 10 दिन ही क्यों मनाते हैं, जानें क्या है इसकी वजह?
Ganesh Utsav 10 Din Hi Kyo Manate Hai: हर साल भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 27 अगस्त, बुधवार को मनाया जाएगा। उत्सव के पहले दिन गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं और 10 दिनों तक रोज इनकी पूजा करने का विधान है। उत्सव के अंतिम दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर इन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर दिया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं गणेश उत्सव 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है? आगे जानिए इसकी वजह…
गणेश उत्सव का स्वरूप जैसा आज है, वैसा पहले नहीं था। कुछ सौ साल पहले तक गणेश चतुर्थी का पर्व सिर्फ एक ही दिन मनाया जाता था। खास बात ये है कि उस समय मिट्टी की गणेश प्रतिमा लाने की परंपरा भी नहीं थी। लोग अपने घर में स्थापित गणेश प्रतिमा की ही पूजा कर ये पर्व धूम-धाम से मनाते थे। उस समय सार्वजनिक रूप से नहीं बल्कि घरों में ही गणेश उत्सव मनाया जाता था।
गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित गणेश अंक के अनुसार सार्वजनिक गणेश उत्सव मनाने की शुरूआत महान क्रांतिकारी बाल गंगाधर तिलक ने शुरू की। इसके पीछे उनकी खास योजना छिपी थी। जब हमारा देश अंग्रेजों का गुलाम था, उस समय बाल गंगाधर तिलक ने 10 दिवसीय सार्वजनिक गणेश उत्सव मनाने की परंपरा शुरू की। इस उत्सव के दौरान क्रांतिकारी गणेश भक्तों के रूप में मिलकर देश को आजाद करवाने की योजनाओं पर विचार करते थे और अंग्रेजों को इस बात का पता भी नहीं चलता था।
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10 दिन ही क्यों मनाते हैं गणेश उत्सव?
बाल गंगाधर तिलक ने जब सार्वजनिक गणेश उत्सव मनाने की परंपरा शुरू की तो स्थापित की गई प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए अनंत चतुर्दशी का दिन चुना क्योंकि ये पर्व गणेश चतुर्थी के 10 दिन बाद आता है। इस दौरान क्रांतिकारियों को अपनी योजना बनाने में 10 दिन तक का समय मिल जाता था। इस तरह 1 दिन मनाया जाने वाला गणेश चतुर्थी पर्व 10 दिनों तक मनाया जाने लगा।
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क्या 10 दिन से पहले भी कर सकते हैं गणेश प्रतिमा का विसर्जन?
महाराष्ट्र में कुछ लोग 2 या 3 दिन में ही गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन कर देते हैं। ये परंपरा भी कोई नई नहीं है। जब कोई व्यक्ति किसी स्थान पर गणेश प्रतिमा स्थापित करता है तो उसी समय वह ये संकल्प भी लेता है कि वह कितने दिनों बाद ये प्रतिमा विसर्जित करेगा। उसी संकल्प के अनुसार कुछ लोग 2 या 3 दिनों में ही गणेश प्रतिमा का विसर्जन कर देते हैं। विद्वानों के अनुसार ऐसा करना शास्त्रों के अनुकूल है।
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।