
Hal Shashthi Vrat Mai Kya Nahi Kahye: हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को ह लषष्ठी का व्रत किया जाता है। ये व्रत महिला प्रधान हैं। मान्यता है कि इस दिन जो महिलाएं व्रत करती हैं, उनकी संतान को लंबी उम्र और अच्छी सेहत मिलती है। इस दिन मुख्य रूप से भगवान श्रीगणेश, माता पार्वती और छठी माता की पूजा की जाती है। इस दिन महिलाओं को कुछ खास चीजें खाने की मनाही होती है। इन बातों का ध्यान न रखने पर इस व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। आगे जानिए हल षष्ठी व्रत में महिलाएं क्या खा सकती हैं और क्या नहीं…
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1. हल षष्ठी व्रत में हल से जुते हुए अनाज, फल सब्जी आदि खाने की मनाही है। इस व्रत में ये चीजें भूलकर भी नहीं खाना चाहिए।
2. इसके अलावा गाय के दूध या इससे बने उत्पाद जैसे दही, दूध, मक्खन आदि भी हल षष्ठी व्रत में नहीं खाना चाहिए।
3. इस दिन घर में जो भी भोजन पकाएं उसमें तामसिक चीजों जैसे लहसुन-प्याज, मूली आदि का उपयोग भूलकर भी न करें।
4. नियमों के अनुसार, इस दिन महिलाओं को टूथपेस्ट और ब्रश का उपयोग भी नहीं करना चाहिए। इस दिन दांत साफ करने के लिए महुआ के दातून का उपयोग करना चाहिए।
1. धर्म ग्रंथों के अनुसार हल षष्ठी व्रत में तालाब और पेड़ों से प्राप्त होने वाले खाद्य पदार्थ खाने चाहिए जैसे मखाने और फल आदि।
2. हल षष्ठी व्रत में भैंस के दूध, दही, घी और मक्खन का उपयोग जितना चाहे कर सकते हैं। इसमें कोई मनाही नहीं है।
3. इस व्रत में पसई या तिन्नी का चावल, करेमुआ की साग, महुआ का लाटा विशेष रूप से बनाकर खाया जाता है।
4. इस व्रत में पानी पीने को लेकर कोई भी कोई खास नियम नहीं है। व्रत करने वाली महिलाएं आवश्यकता के अनुसार पानी पी सकती हैं।
पुराणों में हल षष्ठी व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। श्रीमद्भागवत के अनुसार, द्वापर युग में इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम का जन्म हुआ था। उनका मुख्य अस्त्र हल था। इसी के चलते हल षष्ठी व्रत में हल से पैदा होने वाले अनाज आदि को खाने की मनाही होती है। महिलाएं संतान की खुशहाली के लिए ये व्रत करती हैं।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।