
Hari-har Milan Date: उज्जैन के मध्य प्रदेश की धार्मिक राजधानी कहा जाता है क्योंकि यहां 12 ज्योतिर्लिंगों में से तीसरा महाकालेश्वर स्थापित है। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग से जुड़ी कईं मान्यताएं और परंपराएं हैं जो इसे और भी खास बनाती हैं। ऐसी ही एक परंपरा है हरि-हर मिलन की। इस परंपरा के अतंर्गत वैकुंठ चतुर्दशी के मौके पर भगवान महाकाल को पालकी में बैठाकर गोपाल मंदिर लाया जाता है। यहां हरि यानी भगवान श्रीकृष्ण और हर यानी महाकाल की प्रतिमाओं को आमने-सामने बैठाया जाता है। इसे ही हरि-हर मिलन कहते हैं। आगे जानिए इस परंपरा से जुड़ी और भी रोचक बातें…
ये भी पढ़ें-
November 2025 Festival Dates: कब है देव दिवाली-भैरव अष्टमी? नोट करें नवंबर के व्रत-त्योहारों की डेट
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु पाताल लोक में शयन करते हैं। इस दौरान सृष्टि का संचालन स्वयं महादेव कहते हैं। देवउठनी एकादशी पर जब भगवान विष्णु नींद से जागते हैं तो महादेव सृष्टि चलाने की जिम्मेदारी पुन: उन्हें सौंप देते हैं। इसी कथा को ध्यान में रखते हुए उज्जैन में हरि-हर मिलन करवाया जाता है। इसमें देवउठनी एकादशी के 2 दिन बाद वैकुंठ चतुर्दशी पर बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है जो शहर के मध्य स्थित गोपाल मंदिर तक आती है। इस दौरान दोनों मंदिरों के पुजारी अनेक चीजों का आदान-प्रदान एक-दूसरे को करते हैं। ऐसी मान्यता है कि भगवान महाकाल गोपालजी को सृष्टि का भार सौंपकर पुन: श्मशान में भस्म रमाने चले जाते हैं।
ये भी पढ़ें-
Chhath Puja 2025: कौन हैं षष्ठी देवी या छठी मैया, सबसे पहले किसे दिए थे दर्शन?
हरि-हर मिलने के दौरान भगवान महाकाल की प्रतिमा को गोपाल मंदिर में स्थापित श्रीकृष्ण की प्रतिमा के सामने बैठाया जाता है। इस दौरान भगवान महाकाल गोपालजी को तुलसी की माला और गोपालजी महाकाल को बिल्व पत्र की माला भेंट करते हैं। इसके अलावा फल, फूल आदि चीजें भी एक-दूसरे को समर्पित करते हैं। इसके बाद बाबा महाकाल पुन: अपनी पालकी में बैठकर मंदिर चले जाते हैं। इस दृश्य को देखने के लिए हजारों लोग यहां इकट्ठा होते हैं।
इस बार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 4 नवंबर, मंगलवार को है। इसलिए इसी दिन वैकुंठ चतुर्दशी का पर्व मनाया जाएगा। धर्म ग्रंथों में इस पर्व का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि भगवान विष्णु ने इसी तिथि पर महादेव को अपनी एक आंख निकालकर समर्पित की थी।
Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।