Hartalika Teej Vrat Katha: हरतालिका तीज पर सुनें ये रोचक कथा, बना रहेगा सौभाग्य

Published : Aug 25, 2025, 08:51 AM IST
hartalika teej vrat katha

सार

Hartalika Teej 2025: हर साल भाद्रपद मास में हरतालिका तीज का व्रत महिलाओं द्वारा किया जाता है। इस व्रत में कथा सुनने का विशेष महत्व है। बिना कथा सुने इस व्रत का पूरा फल नहीं मिलता, ऐसी मान्यता है।

Hartalika Teej Katha In Hindi: इस बार हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त, मंगलवार को किया जाएगा। महिलाएं ये व्रत अखंड सौभाग्य के लिए करती हैं तो कुंवारी लड़कियां मनचाहे पति के लिए। इस व्रत में कुछ भी खाना-पीना मना होता है। रात को सभी महिलाएं एक स्थान पर इकट्ठा होकर शिव-पार्वती की पूजा करती हैं और व्रत की कथा सुनती हैं। मान्यता है कि बिना कथा सुने इस व्रत का पूरा फल नहीं मिलता। आगे जानिए हरतालिक तीज की रोचक व्रत कथा…

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ये है हरतालिका तीज की कथा (Hartalika Teej Story)

- धर्म ग्रंथों के अनुसार, ब्रह्मा के पुत्र दक्ष प्रजापति की सती नाम की एक पुत्री थी, जो देवी शक्ति की अवतार थीं। देवी सती भगवान शिव की परम भक्त थी और उन्हें पति रूप में पाना चाहती थीं। इसके लिए देवी सती ने घोर तपस्या कर शिवजी को प्रसन्न कर लिया।
- देवी सती की भक्ति देख महादेव ने प्रसन्न होकर उनसे विवाह कर लिया। एक बार प्रजापति दक्ष ने विशाल यज्ञ किया, जिसमें सभी देवी-देवताओं को बुलाया। प्रजापति दक्ष ने द्वेषता के कारण देवी सती और महादेव को उस यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया।
- देवी सती अपने पिता द्वारा किए जाने वाले यज्ञ में शामिल होना चाहती थीं। शिवजी के मना करने के बाद भी देवी सती बिना निमंत्रण के उस यज्ञ में पहुंच गई। वहां उन्होंने देखा कि उस यज्ञ में महादेव का अपमान हो रहा है, ये देखकर वे बहुत दुखी हुईं।
- देवी सती ने यज्ञ कुंड में कूदकर आत्मदाह कर लिया। इस घटना से शिवजी शोक में डूब गए और एक गुफा में तपस्या करने चले गए। अगले जन्म में देवी सती हिमालय की पुत्री पार्वती बनीं। इस जन्म में भी वे महादेव को ही पति रूप में पाना चाहती थीं।
- महादेव को पति रूप में पाने के लिए पार्वती दिन-रात उनका ध्यान करने लगी। एक बार देवी पार्वती की सखियां जया-विजया उन्हें घने जंगल ले गईं, जहां उन्होंने रेत से शिवलिंग का निर्माण कर शिवजी को प्रसन्न करने के लिए घोर तपस्या की।
- देवी पार्वती की ये तपस्या 12 साल तक चली। प्रसन्न होकर महादेव ने उन्हें दर्शन दिए और पत्नी के रूप में स्वीकार करने का वचन दिया। इसी तपस्या को हरतालिका तीज व्रत कहा जाता है। हरतालिका तीज के दिन व्रत करने वाली महिलाओं को ये कथा जरूर सुननी चाहिए।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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