Hindu Tradition: अपनों से बड़े और सम्मानीय लोगों के चरण स्पर्श करना यानी पैर छूना हिंदू धर्म की परंपरा है। लेकिन धर्म ग्रंथों के अनुसार, कुछ अवस्थाओं में बुजुर्गों के पैर नहीं छूना चाहिए। ऐसा क्यों करना चाहिए, इस बारे में कम ही लोगों को पता है।
उज्जैन. हिंदू धर्म में कई परंपरा हैं, चरण स्पर्श करना यानी पैर छूना भी इनमें से एक है। जब भी कोई उम्र से बड़ा व्यक्ति हमसे मिलता है तो उसे आदर देने के लिए उसके पैर छूए जाते हैं, ये एक भारतीय परंपरा है। (Hindu Tradition) धर्म ग्रंथों में चरण स्पर्श करने के कई फायदे भी बताए गए हैं। (when not to touch feet) साथ ही ये भी बताया गया है कि किन अवस्थाओं में हमें बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करने से बचना चाहिए। आज हम आपको इसी के बारे में बता रहे हैं…
श्मशान से लौटते हुए व्यक्ति के
अगर कोई सम्मानीय और बुजुर्ग व्यक्ति श्मशान से लौट रहा हो तो उसके पैर छूने से बचना चाहिए। इसके पीछे का कारण है कि श्मशान से लौट रहा व्यक्ति अशुद्ध अवस्था में होता है । हिंदू परंपरा के अनुसार, श्मशान से लौटकर जब तक कोई व्यक्ति नहा न ले, वह शुद्ध नहीं होता। इसी बात को ध्यान में रखते हुए ये कहा गया है कि श्मशान से लौटते हुए व्यक्ति के पैर नहीं छूना चाहिए।
सोए हुए व्यक्ति के
अगर कोई व्यक्ति सो रहा हो तो भी उसके पूरे छूना वर्जित माना गया है। ऐसे व्यक्ति के पैर छूना पाप माना गया है। सिर्फ एक ही अवस्था में सोते हुए व्यक्ति के पैर छू सकते हैं जब उसकी मृत्यु हो चुकी है। इसलिए सोते हुए व्यक्ति के पैर छूने की मनाही हिंदू धर्म में है। ऐसा करने अनर्थ की जड़ माना गया है।
पूजा या मंत्र जाप कर रहे व्यक्ति
यदि कोई व्यक्ति पूजा या मंत्र जाप कर रहा हो तो उसके पैर छूने से भी बचना चाहिए क्योंकि इस अवस्था में वह भगवान का ध्यान कर रहा होता है। हमारे पैर छूने से उसके ध्यान में बाधा उत्पन्न होती है, इसलिए अगर कोई व्यक्ति पूजा या मंत्र जाप कर रहा हो तो उसके चरण स्पर्श करने से बचना चाहिए। यही सही भी है।
अशुद्ध अवस्था में भी न करें चरण स्पर्श
अगर कोई व्यक्ति सुबह सोकर उठे तो उसी समय उसके पैर नहीं छूना चाहिए क्योंकि उस समय वो अशुद्ध अवस्था में होता है। रात भर सोने से उसका शरीर अशुद्ध हो जाता है, वहीं सुबह जब वो शौच आदि कर्म करता है तो ये अशुद्ध और भी बढ़ जाती है। इसलिए बिना स्नान किए कोई व्यक्ति अगर सुबह दिख भी जाए तो उसके पैर छूने से बचना चाहिए।
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