
Indira Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, 17 सितंबर का दिन बेहद खास माना जा रहा है। दरअसल, इस दिन इंदिरा एकादशी और एकादशी श्राद्ध एक साथ पड़ने वाले हैं। हर साल आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को इंदिरा एकादशी का व्रत रखा जाता है, जो श्री हरि और माता लक्ष्मी के निमित्त रखा जाता है। इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति पापों और रोगों से मुक्त हो जाता है।
वैसे, इसी दिन एकादशी श्राद्ध यानी ग्यारस श्राद्ध भी किया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, एकादशी श्राद्ध के दिन उन लोगों के लिए तर्पण या पिंडदान किया जाता है, जिनकी मृत्यु किसी भी माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन हुई हो। ऐसी मान्यता है कि जिन मृतकों का श्राद्ध इस दिन किया जाता है, उन्हें स्वयं श्री हरि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। तो आइए अब जानते हैं कि इंदिरा एकादशी पर किस मुहूर्त में भगवान विष्णु की पूजा की जाएगी और किस मुहूर्त में पितरों का श्राद्ध किया जाएगा।
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इस दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद सबसे पहले भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें, जिनकी पूजा शालिग्राम रूप में की जाती है। भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, पंचामृत और तुलसी के पत्ते अर्पित करना शुभ माना जाता है। पूजा के दौरान भगवान का ध्यान करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
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