Jagannath Rath Yatra 2023: इस काम में 1 दिन भी चूके तो 18 साल के लिए बंद हो जाएगा भगवान जगन्नाथ का मंदिर !

Published : Jun 20, 2023, 10:26 AM IST
Jagannath-Rath-Yatra-2023-tradition-of-temple

सार

Jagannath Rath Yatra 2023: भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध मंदिर उड़ीसा के पुरी में स्थित है। ये मंदिर हिंदुओं के पवित्र चार धामों मे से एक है। इस मंदिर से अनेक मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। ऐसी ही एक मान्यता इस मंदिर के ध्वज से भी जुड़ी हुई है। 

उज्जैन. इस बार भगवान जगन्नाथ की प्रसिद्ध रथयात्रा 20 जून, मंगलवार से शुरू हो रही है। लाखों लोग इस अद्भुत दृश्य को देखने के लिए पुरी पहुंच चुके हैं। उड़ीसा के पुरी में स्थित भगवान जगन्नाथ (Jagannath Rath Yatra 2023) का मंदिर अपने अंदर कई रहस्य समेटे हुए है। इस मंदिर से कई खास मान्यताएं और परंपराएं जुड़ी हुई हैं। यहां की रसोई को दुनिया की सबसे बड़ी रसोई कहा जाता है। और भी कई मान्यताएं इस मंदिर को खास बनाती हैं। आगे जानिए ऐसी ही एक रोचक मान्यता के बारे में…

रोज बदला जाता है मंदिर का ध्वज
आमतौर पर किसी भी मंदिर का ध्वज कुछ विशेष अवसरों पर बदला जाता है, लेकिन जगन्नाथ मंदिर का ध्वज रोज बदला जाता है। ये काम रोज शाम को 5 बजे किया जाता है। यह 20 फीट का त्रिकोण ध्वज होता है। इसे बदलने का जिम्मा चोला परिवार पर है जो पिछले 800 साल से ये काम कर रहे हैं। जिस तरह इस परिवार के लोग मंदिर के शिखर पर चढ़कर मंदिर का ध्वज बदलते हैं, उसे देखकर कोई भी दांतों तले उंगलियां दबाने पर मजबूर हो जाए।

ऐसे बदला जाता है मंदिर का ध्वज
रोज शाम को चोला परिवार के दो नवयुवक झंडा बांधकर पीठ की ओर से मंदिर पर चढ़ते हैं और कुछ ही देर में वे गुंबद तक पहुंच जाते हैं। इसके बाद वे आगे की तरफ मुड़ जाते हैं। सबसे पहले वे पुराने ध्वज को सम्मान पूर्वक नीचे उतारते हैं और फिर उसके स्थान पर नया ध्वज लगाते हैं। इसके बाद ये युवक ऊपर से ही मशाल लहराते हैं। नीचे जो भी भक्त उस समय मौजूद होते हैं, दूर से ही मशाल से आरती लेते हैं।

क्या है ध्वज से जुड़ी मान्यता?
भगवान जगन्नाथ के मंदिर के ध्वज से एक मान्यता जुड़ी हुई है वो ये है कि यदि मंदिर का ध्वज बदलने में एक दिन भी चूक हुई तो अगले 18 साल तक के लिए ये मंदिर बंद करना पड़ेगा। ये मान्यता कैसे प्रचलित हुई या इसके पीछे क्या कथा और कारण है इसके बारे में कोई नहीं जानता। लेकिन मंदिर से जुड़ा कोई भी व्यक्ति भूलकर भी इस परंपरा में चूक करने के बारे में सोच भी नहीं सकता।


ये भी पढ़ें-

Jagannath Rath Yatra 2023: क्यों निकाली जाती है भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा, कैसे शुरू हुई ये परंपरा?


Jagannath Rath Yatra 2023: आंखों पर पट्टी बांधकर बदलते हैं भगवान जगन्नाथ की प्रतिमा, क्या है ब्रह्म पदार्थ जिसे आज तक कोई नहीं देख पाया?

क्या आप जानते हैं भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा से जुड़ी ये 10 बातें?


Disclaimer : इस आर्टिकल में जो भी जानकारी दी गई है, वो ज्योतिषियों, पंचांग, धर्म ग्रंथों और मान्यताओं पर आधारित हैं। इन जानकारियों को आप तक पहुंचाने का हम सिर्फ एक माध्यम हैं। यूजर्स से निवेदन है कि वो इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

 

PREV

Recommended Stories

Aaj Ka Panchang 5 दिसंबर 2025: पौष मास आज से, चंद्रमा बदलेगा राशि, जानें किस दिशा में यात्रा न करें?
Hanuman Puja: हनुमानजी को कैसे चढ़ाएं चोला? पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से जानें 5 बातें