Janmashtami 2025: कान्हा को क्यों लगाते हैं माखन-मिश्री, लड्डू और पंजीरी का भोग?

Published : Aug 16, 2025, 10:47 AM IST

Janmashtami 2025 Bhog: जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को खास चीजों का भोग लगाया जाता है, जिनमें माखन-मिश्री, लडडू और पंजीरी आदि विशेष हैं। इन सभी भोगों से कोई न कोई खास बात जरूर जुड़ी है।

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जन्माष्टमी पर कान्हा को किन चीजों का भोग लगाएं?

Janmashtami 2025 Bhog: इस बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 16 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा की जाती है, जिन्हें लड्डू गोपाल कहा जाता है। जन्माष्टमी पर वैसे तो कान्हा को अनेक चीजों का भोग लगाया जाता है लेकिन इनमें से कुछ चीज बहुत खास मानी गई हैं जैसे-माखन-मिश्री, लड्डू और पंजीरी आदि। आगे जानिए जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण को इन चीजों का भोग क्यों लगाते हैं…
 

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कान्हा को क्यों लागते हैं माखन-मिश्री का भोग?

जन्माष्टमी पर कान्हा को माखन-मिश्री का भोग विशेष रूप से लगाया जाता है। इसके पीछे ये कथा है कि अपने बाल्यकाल में कन्हैया गोपियों के घर से माखन चुराकर खाते थे और अपने साथियों को भी खिलाते थे। तभी ये मान्यता है कि कान्हा को माखन बहुत पसंद है। दरअसल माखन बहुत पौष्टिक होता है जो बच्चों के शरीर को मजबूत बनाता है। माखन खाकर कान्हा ने यही संदेश दुनिया को दिया है।

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लड्डू को भोग क्यों लगाएं श्रीकृष्ण को?

भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप को लड्डू गोपाल कहा जाता है। इनके एक हाथ में लड्डू दिखाई देता है। इसलिए ये मान्यता चली आ रही है कि कान्हा को लड्डू अतिप्रिय है। जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल को भोग में लड्डू विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। ये लड्डू मावे, बूंदी या बेसन किसी का भी हो सकता है। लड्डू में देशी घी और ड्राय फ्रूट का उपयोग विशेष रूप से होता है, ये भी शरीर को जरूरी पोषक तत्व देता है।

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जन्माष्टमी पर कान्हा को क्यों लगाते हैं पंजीरी का भोग?

जन्माष्टमी के मौके पर वैसे तो कान्हा को अनेक चीजों को भोग लगाया जाता है, लेकिन इनमें पंजीरी का विशेष महत्व है। साल भर में सिर्फ यही मौका होता है जब किसी देवता को पंजीरी का भोग लगाते हैं। पंजीरी धनिए को पीसकर बनाई जाती है। ज्योतिष शास्त्र में धनिया बुध ग्रह का कारक है जो बुद्धि और वाणी को तेज करता है। इसलिए जन्माष्टमी पर कान्हा को पंजीरी का भोग लगाते हैं।

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पंचामृत का भोग भी कान्हा को प्रिय

जन्माष्टमी पर कान्हा को पंचामृत का भोग भी विशेष रूप से लगाते हैं। पंचामृत गाय के दूध, दही, घी, शहद और शक्कर को एक निश्चित अनुपात में मिलाकर बनाते हैं। पंचामृत के बारे में हमारे धर्म ग्रंथों में भी लिखा है। पंचांमृत हमारे शरीर को ठंडक को प्रदान करता ही है साथ ही रोगों का भी नाश करता है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

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