Janmashtami kanha dress: जन्माष्टमी के दिन लड्डू गोपाल को सुंदर वस्त्र पहनाएं जाते हैं, लेकिन कुछ रंग ऐसे हैं, जिन्हें बिल्कुल भी नहीं पहनाना चाहिए। अनुभवी ज्योतिषी, टैरो कार्ड रीडर और अंकशास्त्री कादम्बिनी पाठक ने इसके बारे में हमें जानकारी दी है।
Janmashtami Laddu Gopal Dress:16 अगस्त के दिन जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाने वाला है। ये पर्व भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण बालगोपाल को झूला झुलाते हैं, श्रृंगार करते हैं और उन्हें सुंदर वस्त्र-आभूषण पहनाते हैं। इन सबके बीच बहुत कम लोग ये जानते हैं कि इस दिन कुछ विशेष रंगों के वस्त्र श्रीकृष्ण को नहीं पहनाने चाहिए, क्योंकि इन रंगों का संबंध नकारात्मक ऊर्जाओं और कुछ अशुभ ग्रहों से जुड़ा बताया गया है। इसके चलते आपके जीवन में भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। एक अनुभवी ज्योतिषी, टैरो कार्ड रीडर और अंकशास्त्री कादम्बिनी पाठक ने हमें उन वस्त्रों के बारे में बताया, जिन्हें कान्हा जी को नहीं पहनाना चाहिए।
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काले रंग से बचें
काला रंग शनि ग्रह से जुड़ा होता है और इसे तामसिक प्रवृत्ति का प्रतीक माना जाता है। यह अवसाद, शोक और दूराव का भाव दर्शाता है। वहीं, श्रीकृष्ण प्रेम, उल्लास और प्रकाश के प्रतीक हैं। ऐसे में काले रंग का वस्त्र उनके स्वभाव के विपरीत माना जाता है। जन्माष्टमी जैसे सात्विक और उल्लासपूर्ण दिन पर काले रंग से दूर रहना चाहिए।
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गहरे भूरे और ग्रे से बचें
ये रंग आलस्य, थकावट और ऊर्जा की कमी को दर्शाते हैं। भगवान कृष्ण की छवि बालपन की चंचलता और प्रेम से भरी होती है। ऐसे रंगों से श्रीकृष्ण की ऊर्जा और सौंदर्य कम महसूस होता है। आप सोचिए अगर आप अपने नवजात को भूरे और ग्रे रंग के कपड़े पहनाएं तो वो कैसा लगता है ठीक ऐसा ही बालगोपाल के साथ है, इसलिए आप इन दोनों रंगों के प्रयोग से बचें ।
हालाँकि लाल रंग शुभता का प्रतीक है, लेकिन अत्यधिक डार्क लाल रंग क्रोध, आवेग और मंगलदोष को दर्शा सकता है। बालकृष्ण की कोमलता और माधुर्य के अनुरूप यह रंग नहीं माना जाता। बल्कि अगर आप चाहें तो बालगोपाल को गाजरी रंग के कपड़े पहना सकते हैं...
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कौन-से रंग पहनाना शुभ है?
जन्माष्टमी के अवसर पर श्रीकृष्ण को पीला, सफेद, हल्का नीला, गुलाबी, या हल्का हरा रंग पहनाना सबसे शुभ माना गया है। पीला रंग तो स्वयं श्रीकृष्ण का प्रिय रंग माना जाता है, जो ज्ञान और सात्विकता का प्रतीक है। वैसे तो श्रद्धा और प्रेम भाव से अर्पित हर वस्त्र स्वीकार्य होता है, परंतु यदि आप धार्मिक मान्यताओं और ज्योतिषीय दृष्टिकोण को भी ध्यान में रखें, तो कुछ रंगों से बचना और कुछ को वरीयता देना आपकी पूजा को आपके मन और अधिक सकारामकत्ता उल्लास और ऊर्जा प्रदान करेगा।