बिहार के शिव मंदिर में कावड़ियों की मौत, कंस के ससुर ने की थी शिवलिंग की स्थापना

Jehanabad Stampede News: 12 अगस्त को सावन के चौथे सोमवार को बिहार के जहानाबाद में सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में भगदड़ मचने से कईं कांवड़ियों की मौत हो गई। ये घटना शनिवार देर रात की बताई जा रही है। हादसे में बहुत से लोग घायल भी हुए हैं।

 

Manish Meharele | Published : Aug 12, 2024 3:47 AM IST / Updated: Aug 12 2024, 10:09 AM IST

Stampede in jehanabad: सावन के चौथे सोमवार यानी 12 अगस्त की सुबह-सुबह बिहार से एक बुरी खबर आ रही है। यहां जहानाबाद जिले में बराबर पहाड़ी पर स्थित सिद्धेश्वरनाथ मंदिर में भगदड़ मचने से 7 कावंड़ियों की मौत हो गई है और कईं लोग घायल भी हो गए हैं। सावन सोमवार होने के कारण यहां कावड़िए जल चढ़ाने आए थे। इसी दौरान भगदड़ मचने से ये हादसा हो गया। पुलिस-प्रशासन पूरी घटना पर नजर रखे हुए है।

100 फीट ऊंची पहाड़ी पर है ये मंदिर
जहानाबाद में वाणावर (बराबर) पहाड़ी की चोटी पर बना सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर काफी प्राचीन है। इस मंदिर को मगध यानी बिहार का बाबा धाम भी कहा जाता है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 300 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती है। विशेष मौकों पर जैसे महाशिवरात्रि और सावन में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है। सावन का चौथा सोमवार होने से यहां दर्शन करने वाले की भीड़ ज्यादा हो गई, जिसके कारण हादसा हुआ है।

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सातवीं सदी में बना था ये मंदिर
सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर में स्थित शिवलिंग तो महाभारत काल का बताया जाता है। मान्यता है कि कंस के ससुर जरासंध ने इस शिवलिंग की स्थापना यहां की गई और मंदिर बनवाया था। वर्तमान में जो मंदिर यहां स्थापित है उसका निर्माण सातवीं सदी के गुप्त काल का माना जाता है। इस मंदिर के आस-पास सम्राट अशोक के समय के शिलालेख आज भी देखे जा सकते हैं। बराबर पहाड़ी के नीचे एक तालाब है, जिसे पातालगंगा कहते हैं। बहुत से लोग यहां स्नान करने के बाद ही मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं।

कैसे पहुंचें?
- बिहार का जहानाबाद सभी प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों से जुड़ा हुआ है। अपने निजी वाहन से यहां आप आसानी से पहुंच सकते हैं। लोक परिवहन के साधन जैसे बस आदि भी यहां तक आती है।
- यदि आप ट्रेन से यहां आना चाहते हैं तो बराबर हाल्ट पर उतर कर सवारी गाड़ी के माध्यम से भी यहां पहुंच सकते हैं।
- यहां से सबसे नजदीक का हवाई अड्डा पटना है। जो यहां से लगभग 200 किमी दूर है। यहां से भी आप बस द्वारा आसानी से सिद्धेश्वरनाथ महादेव मंदिर पहुंच सकते हैं।


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