Jyeshtha Maas 2025: कब से शुरू होगा ज्येष्ठ मास, इस महीने में कब, कौन-सा त्योहार मनाया जाएगा?

Published : May 12, 2025, 02:42 PM IST
Jyeshtha Maas 2025

सार

Kab Se Shuru Hoga Jyeshtha Maas:अंग्रेजी कैलेंडर की तरह हिंदू पंचांग में भी 12 महीने होते हैं। इनमें से तीसरे महीने का नाम ज्येष्ठ है। इस महीने का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस महीने में कईं बड़े व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे। 

Jyeshtha Maas significance: हिंदू कैलेंडर में कुल 12 महीने होते हैं। इनमें से तीसरे महीने का नाम ज्येष्ठ है। ये महीना धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत ही खास है क्योंकि इसमें कईं बड़े तीज-त्योहार मनाए जाते हैं। धर्म ग्रंथों में भी इस महीने का विशेष महत्व बताया गया है। पंचांग के अनुसार, इस बार ज्येष्ठ मास की शुरूआत 13 मई, मंगलवार से होगी, जो 11 जून, बुधवार तक रहेगा। ज्येष्ठ मास में कईं बड़े त्योहार मनाए जाते हैं जैसे- शनि जयंती, निर्जला एकादशी, गंगा दशमी आदि। ज्येष्ठ मास में त्रिदेव (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) की पूजा करने का विशेष महत्व है। जानिए इस बार कब से शुरू होगा ज्येष्ठ मास और इस महीने में कौन-से व्रत-त्योहार मनाए जाएंगे…

ज्येष्ठ मास व्रत-त्योहार लिस्ट (Jyeshtha Maas Vrat-Tyohar List)

13 मई, मंगलवार- नारद जयंती, ज्येष्ठ माह प्रारंभ, पहला बड़ा मंगल
14 मई, बुधवार- वृषभ संक्रांति (सूर्य का वृषभ राशि में प्रवेश)
16 मई, शुक्रवार- एकदंत संकष्टी चतुर्थी
20 मई, मंगलवार- दूसरा बड़ा मंगल और मासिक कालाष्टमी
23 मई, शुक्रवार- अपरा एकादशी व्रत
24 मई, शनिवार- शनि प्रदोष व्रत
25 मई, रविवार- मासिक शिवरात्रि व्रत
26 मई, सोमवार- वट सावित्री व्रत, दर्श अमावस्या
27 मई, मंगलवार- तीसरा बड़ा मंगल, शनि जयंती और ज्येष्ठ अमावस्या
30 मई, शुक्रवार- विनायकी चतुर्थी
1 जून, रविवार- स्कन्द षष्ठी
3 जून, मंगलवार- चौथा बड़ा मंगल, मासिक दुर्गाष्टमी
4 जून, बुधवार- महेश नवमी
5 जून, गुरुवार- गंगा दशहरा
6 जून, शुक्रवार- निर्जला एकादशी और गायत्री जयंती
8 जून, रविवार- प्रदोष व्रत
10 जून, मंगलवार- पांचवा बड़ा मंगल, वट पूर्णिमा व्रत, ज्येष्ठ पूर्णिमा व्रत
11 जून, बुधवार- ज्येष्ठ पूर्णिमा स्नान और दान

कैसे पड़ा इस महीने का नाम ज्येष्ठ?

अंग्रेजी कैलेंडर की तरह हिंदू पंचांग में भी हर महीने का अलग नाम है। हिंदू कैलेंडर के पहले महीने का नाम चैत्र, दूसरे का नाम वैशाख और तीसरे का नाम ज्येष्ठ है। इन सभी महीनों का नाम नक्षत्रों के आधार पर रखा गया है। ज्येष्ठ मास के अंतिम दिन चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में होता है, इसलिए इस महीने का नाम ज्येष्ठ रखा गया है।


Disclaimer
इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो ज्योतिषियों द्वारा बताई गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।

 

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