Devshayani Ekadashi 2024: हर साल देवशयनी एकादशी पर भगवान विष्णु 4 महीनों के लिए योगनिद्रा में चले जाते हैं। इन 4 महीनों को चातुर्मास कहा जाता है। इन 4 महीनों में विवाह आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते।
Devshayani Ekadashi Facts: आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को देवशयनी एकादशी कहते हैं। इस बार देवशयनी एकादशी 17 जुलाई, बुधवार को है। कहते हैं कि देवशयनी एकादशी से अगले 4 महीनों के लिए भगवान विष्णु सृष्टि का भार महादेव को सौंपकर योगनिंद्रा में चला जाते हैं। इसी वजह से इन 4 महीनों में विवाह आदि शुभ कार्य नहीं होते। इन 4 महीनों को चातुर्मास कहते हैं। आगे जानिए क्यों खास है ये 4 महीने और कब उठेंगे भगवान विष्णु…
क्या है भगवान विष्णु के शयन से जुड़ी मान्यता?
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान विष्णु ने वामन अवतार में दैत्यों के राजा बलि से उसका सबकुछ दान में ले लिया। बलि की दानवीरता देखकर भगवान वामन ने उसे पाताल का राजा बना दिया। राजा बलि ने उनसे कहा कि आप भी मेरे साथ पाताल में चलें। तब भगवान विष्णु 4 महीने तक पाताल में ही राजा बलि के द्वारपाल बनकर रहे। बाद में देवी लक्ष्मी भगवान विष्णु को पुन: पाताल से लेकर आई। इन्हीं 4 महीनों को चातुर्मास कहा गया है।
क्यों जरूरी है चातुर्मास?
चातुर्मास के 4 में से 3 महीनों में बारिश का मौसम रहता है। आकाश में बादल होने के कारण सूर्य का प्रकाश सीधे पृथ्वी पर नहीं आ पाता, जिससे शारीरिक शक्ति में कमी आने लगती है। इसलिए चातुर्मास में सयंमित जीवन जीने को कहा जाता है और तप के माध्यम से ईश्वर की भक्ति पर जोर देते हैं। इन 4 महीनों में सभी प्रमुख त्योहार जैसे रक्षाबंधन, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी, श्राद्ध, नवरात्रि, दीपावली आदि मनाए जाते हैं। लोग इन त्योहारों को आनंद ले सके इसलिए इस दौरान विवाह आदि शुभ कार्य भी नहीं किए जाते।
कब उठेंगे भगवान विष्णु?
17 जुलाई, बुधवार को देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु योगनिंद्रा में चले जाएंगे। इसके बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवप्रबोधिनी एकादशी पर ही भगवान विष्णु नींद से जागेंगे। इस बार देवप्रबोधिनी एकादशी 12 नवंबर, मंगलवार को है। चातुर्मास भी इसी दिन समाप्त होंगे और विवाह आदि शुभ कार्यों पर लगी रोक हट जाएगी।
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Devshayani Ekadashi Katha: देवशयनी एकादशी से अगले 4 महीनों तक पाताल में क्यों रहते हैं भगवान विष्णु?
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