Sharad Purnima 2025 Date: आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा कहते हैं। इस बार शरद पूर्णिमा का पर्व 2 दिन मनाया जाएगा। मान्यता है कि शरद पूर्णिमा की रात आसमान से अमृत की बूंदे गिरती हैं।
Sharad Purnima 2025 Kab Hai: शरद पूर्णिमा हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है। ये पर्व हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस पर्व से जुड़ी अनेक मान्यताए हैं। ऐसा कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात को आसमान से अमृत की बूंदे गिरती हैं, इसलिए इस रात को खुले आंगन में खीर बनाकर रखी जाती है, जिससे कि उसमें अमृत के औषधीय गुण आ सकें। अगले दिन ये खीर खाई जाती है। इस बार शरद पूर्णिमा का पर्व एक नहीं बल्कि 2 दिन मनाया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी से जानिए इन दोनों दिनों का महत्व व खास बातें…
पंचांग के अनुसार, इस बार आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 06 अक्टूबर, सोमवार की दोपहर 12 बजकर 24 मिनिट से शुरू होगी जो 07 अक्टूबर, मंगलवार की सुबह 09 बजकर 17 मिनिट तक रहेगी। इस तरह 6 व 7 अक्टूबर, दोनों ही दिन आश्विन मास की पूर्णिमा का संयोग बन रहा है। इसलिए शरद पूर्णिमा का पर्व दोनों ही दिन मनाया जाएगा।
ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, 6 अक्टूबर, सोमवार की रात आश्विन मास की पूर्णिमा का संयोग बन रहा है। इसलिए इसी रात को आसमान के नीचे खीर रखें जिससे कि अमृत की बूंदों का औषधीय गुण इसमें आ सके। मान्यता के अनुसार इसी रात को देवी लक्ष्मी भी धरती पर आती हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। शरद पूर्णिमा का व्रत भी इसी दिन किया जाएगा।
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कब करें शरद पूर्णिमा का स्नान-दान?
7 अक्टूबर, मंगलवार को उदया तिथि में आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि रहेगी, इसलिए इस दिन पूर्णिमा से संबंधित स्नान का विशेष महत्व माना जाएगा। भगवान सत्यनारायण की कथा भी इसी दिन की जाएगी। शरद पूर्णिमा पर अगर आप जरूरतमंदों को कुछ दान करना चाहते हैं तो इसके लिए भी 7 अक्टूबर ही सही दिन है। साथ ही महर्षि वाल्मीकि की जयंती का पर्व भी इसी दिन पूरे देश में मनाया जाएगा।
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।