
Karwa Chauth 2025: आज देशभर में सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करवा चौथ का व्रत रख रही हैं। इस दिन व्रत और पूजा करने से पति की आयु लंबी होती है और दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है। यह व्रत निर्जल रखा जाता है और रात में चांद देखने के बाद ही सुहागिन महिलाएं अपने पति के हाथ से जल ग्रहण कर व्रत तोड़ती हैं। इस साल करवा चौथ पर चांद ने सुहागिन महिलाओं को काफी इंतजार करवाया है। हालांकि, अब तक दिल्ली-एनसीआर समेत लगभग सभी शहरों में चांद दिखाई दे चुका है। जिसके बाद महिलाएं अपना व्रत तोड़ सकती हैं। इन सबके बीच महिलाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि करवा चौथ पूजा के बाद करवा का क्या करना चाहिए. इसे कहां और कैसे रखना शुभ होता है।
दरअसल, करवा चौथ पर करवा का बहुत ही खास महत्व होता है। लोग करवा चौथ के बाद या तो बर्तन को फेंक देते हैं या रख लेते हैं, जिसे अशुभ माना जाता है। तो आइए जानें कि करवा चौथ के बाद मिट्टी के बर्तन (करवा) का क्या करें। आइए जानें।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ की पूजा पूरी होने के बाद, करवा को नदी या तालाब में विसर्जित करना सबसे शुभ माना जाता है। हालांकि, ध्यान रखें कि यह टूटे नहीं, क्योंकि इससे करवा देवी नाराज़ हो सकती हैं। नदी में करवा विसर्जित करते समय, अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान चंद्र या देवी पार्वती से प्रार्थना करें।
यदि आपके घर के आस-पास कोई नदी या तालाब नहीं है, तो आप करवा को किसी पेड़, जैसे नीम, पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे मिट्टी में दबा सकते हैं। ऐसा करने से देवी का आशीर्वाद आप पर बना रहता है।
कई महिलाएं करवा को फेंकने, विसर्जित करने या दफनाने के बजाय, उसे अगले साल के लिए रख देती हैं। हालांकि, इसे अगले साल तक साफ़ और सुरक्षित जगह पर रखना ज़रूरी है।
इसके अलावा, पूजा में इस्तेमाल किए गए करवा का इस्तेमाल घर में पौधा उगाने के लिए भी किया जा सकता है। यदि करवा टूट जाए तो उसे मिट्टी में दबा दें।
Disclaimer: इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।