Karwa Chauth 2025: करवा चौथ हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। इस दिन महिलाएं अपने पति छलनी से देखकर पूजा करती हैं। इस परंपरा के पीछे एक मनोवैज्ञानिक कारण छिपा है, जिसके बारे में कम ही लोग जानते हैं।
Karwa Chauth Tradition: हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर करवा चौथ का पर्व मनाया जाता है। इसे करक चतुर्थी भी कहते हैं। इस बार करवा चौथ का पर्व इस बार करवा चौथ 10 अक्टूबर, शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और परिवार की खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती है यानी दिन भर कुछ भी खाती-पीती नहीं है। इस व्रत में महिलाएं अपने पति को छलनी से देखकर पूजा करती हैं। इस परंपरा से जुड़ी एक खास वजह है, जानें इस क्या है ये वजह…
छलनी वैसे तो एक समान्य वस्तु है जो अनाज साफ करने में उपयोग की जाती है। छलनी से जब पत्नी अपने पति को देखती है तो समझना चाहिए कि उसने अपने मन को इस छलनी में छानकर पवित्र कर लिया है, जिसमें अब सिर्फ प्रेम ही शेष बचा है और इसी निस्वार्थ प्रेम को पत्नी अपने पति को समर्पित करती है। ये इस परंपरा का मनोवैज्ञानिक कारण है। इसके अतिरिक्त किसी भी ग्रंथ में इस तरह की परंपरा के बारे में नहीं बताया गया है।
इस परंपरा के पीछे एक वजह ये भी है कि छलनी पारदर्शी होती है। जब पत्नी अपने पति को इसमें से देखती है तो वो ये आशा रखती है कि उन दोनों के वैवाहिक जीवन में पारदर्शिता हमेशा बनी रहें। क्योंकि बिना पारदर्शिता के दांपत्य जीवन में खुशहाली बने रहना असंभव है। ये भी एक मनोवैज्ञानिक कारण है। पति-पत्नी दोनों के मन में इस तरह का भाव रहना जरूरी है।
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क्या छलनी से पति को देखना जरूरी है?
ये परंपरा पंजाब, हरियाणा आदि कुछ प्रदेशों में ही विशेष रूप से देखी जाती है। अन्य स्थानों पर पति की पूजा सामान्य रूप से ही की जाती है। इसलिए अपनी स्थानीय परंपरा के अनुसार ही करवा चौथ का पर्व मनाना चाहिए। किसी को देखकर अन्य परंपराओं का पालन करना जरूरी नही है। धर्म ग्रंथों में भी पति को छलनी से देखने के बारे में नहीं बताया गया है। ये परंपरा कालांतर में इस पर्व से साथ जोड़ी गई है।
Disclaimer इस आर्टिकल में जो जानकारी है, वो धर्म ग्रंथों, विद्वानों और ज्योतिषियों से ली गईं हैं। हम सिर्फ इस जानकारी को आप तक पहुंचाने का एक माध्यम हैं। यूजर्स इन जानकारियों को सिर्फ सूचना ही मानें।