
Shiv Navratri Mahakal Temple Ujjain: देश भर में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग हैं। इनमें से तीसरा मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित है, जिसे महाकालेश्वर के नाम से जाना जाता है। यहां महाशिवरात्रि से पहले शिव नवरात्रि मनाने की परंपरा है। इन 9 दिनों में भगवान शिव का विशेष श्रृंगार किया जाता है। भगवान शिव को हल्दी और मेहंदी भी लगाई जाती है। जानिए इस बार कब से शुरू होगा शिव नवरात्रि पर्व और ये क्यों मनाते हैं…
महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव महादेव और देवी पार्वती के विवाह के रूप में मनाया जाता है। इन 9 दिनों में शिवजी को दूल्हे के रूप में हल्दी और मेहंदी लगाई जाती है व आकर्षक श्रृंगार भी किया जाता है। महाशिवरात्रि के अगले दिन भगवान शिव को सेहरा चढ़ाया जाता है। ये परंपरा साल में सिर्फ एक बार ही निभाई जाती है।
महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि उत्सव की शुरूआत फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि से होती है और इसका समापन त्रयोदशी को होता है। इस बार शिव नवरात्रि पर्व 17 फरवरी से शुरू होगा, जो 26 मार्च तक मनाया जाएगा। इस बार तिथि बढ़ने के कारण शिव नवरात्रि का पर्व 9 नहीं बल्कि 10 दिनों तक मनाया जाएगा।
1. शिव नवरात्रि के पहले दिन भगवान महाकाल का चंदन से श्रृंगार किया जाएगा और मुंडमाला, छत्र आदि आभूषण चढ़ाएं जाएंगे।
2. शिव नवरात्रि के दूसरे दिन भगवान महाकाल का शेषनाग श्रृंगार किया जाएगा।
3. शिव नवरात्रिके तीसरे दिन महाकाल का घटाटोप शृंगार होगा।
4. चौथे दिन महाकाल को छबीना रूप में सजाया जाएगा।
5. शिव नवरात्रि के पांचवे दिन होलकर रूप में भगवान महाकाल का शृंगार होगा।
6. छठे दिन भगवान महाकाल मनमहेश रूप में दर्शन देंगे।
7. सातवे दिन उमा महेश के रूप में भगवान महाकाल का शृंगार होगा।
8. शिव नवरात्रि के आठवें दिन महाकाल का शिवतांडव रूप में शृंगार होगा।
9. नौवें दिन भगवान शिव सप्तधान शृंगार में दिखाई देंगे।
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